दिल्ली पुलिस ने आईएसआईएस के पुणे मॉड्यूल के एक वांछित आतंकवादी को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम ने बृहस्पतिवार रात करीब 11 बजे दिल्ली-फरीदाबाद सीमा पर गंगा बख्श मार्ग के निकट एक स्थान से यहां दरियागंज निवासी रिजवान अब्दुल हाजी अली को गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि उसके पास से एक .30 बोर की पिस्तौल, तीन जिंदा कारतूस और दो मोबाइल फोन जब्त किये गये।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अली की गिरफ्तारी में सहायक सूचना देने वाले को 3 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी।
एक अधिकारी ने बताया कि संदेह है कि अली दिल्ली-एनसीआर स्थित कुछ वीआईपी लोगों पर संभावित हमले की फिराक में था। उससे पूछताछ की जा रही है।
अधिकारी ने बताया कि एजेंसियां पिछले डेढ़ साल से वांछित आतंकवादी की तलाश कर रही थीं, जब वह पुणे पुलिस की हिरासत से भाग गया था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस, महाराष्ट्र पुलिस और एनआईए की टीमों ने अब तक अली समेत आईएसआईएस के पुणे मॉड्यूल के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
अधिकारी ने बताया कि पिछले साल दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ और मुंबई पुलिस ने मॉड्यूल के सदस्यों के खिलाफ भारत विरोधी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दो अलग-अलग मामले दर्ज किए थे।
पिछले साल अक्टूबर में आईएसआईएस मॉड्यूल के तीन सदस्यों – मोहम्मद शाहनवाज, मोहम्मद रिजवान और अरशद वारसी को विशेष सेल ने क्रमशः दिल्ली, लखनऊ और मुरादाबाद से गिरफ्तार किया था।
एनआईए ने शाहनवाज़ की गिरफ्तारी में सहायक सूचना देने वाले को 3 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी।
दिल्ली पुलिस के बयान के मुताबिक, 2015 में अली सोशल मीडिया के ज़रिए कट्टरपंथी विचारधारा की ओर झुका। 2017 में उसकी मुलाक़ात झारखंड के रहने वाले शाहनवाज़ से हुई, जो पढ़ाई के लिए दिल्ली के शाहीन बाग़ में आया था। धीरे-धीरे दोनों अच्छे दोस्त बन गए।
शाहनवाज और अली हिजरत पर जाना चाहते थे और इस उद्देश्य के लिए धन इकट्ठा करने के लिए शाहनवाज आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया।
बयान में कहा गया है कि 2018 में अली सोशल मीडिया एप्लीकेशन के जरिए ISIS के एक हैंडलर से जुड़ा था। तब से वह और उसके साथी ISIS की विचारधारा में गहराई से शामिल हो गए थे और आतंकी वारदातों को अंजाम देने की योजना और तैयारी कर रहे थे।
अप्रैल 2022 में अली और शाहनवाज इमरान और यूनुस साकी के संपर्क में आए और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) तैयार करने के लिए सामग्री इकट्ठा करना शुरू कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि यह मॉड्यूल पिछले डेढ़ साल से पुणे में सक्रिय है।
सूत्रों ने बताया कि मॉड्यूल के सदस्यों को कथित तौर पर पाकिस्तान स्थित फराहतुल्ला गौरी और शाहिद फैजल नामक संचालकों द्वारा ऑनलाइन भर्ती किया जाता है।
उन्होंने बताया कि पुणे पुलिस ने पिछले साल इमरान और साकी को गिरफ्तार किया था। दोनों व्यक्ति चोरी की गाड़ी में यात्रा करते हुए पाए गए थे।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)
दिल्ली पुलिस ने आईएसआईएस के पुणे मॉड्यूल के एक वांछित आतंकवादी को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि एक गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम ने बृहस्पतिवार रात करीब 11 बजे दिल्ली-फरीदाबाद सीमा पर गंगा बख्श मार्ग के निकट एक स्थान से यहां दरियागंज निवासी रिजवान अब्दुल हाजी अली को गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि उसके पास से एक .30 बोर की पिस्तौल, तीन जिंदा कारतूस और दो मोबाइल फोन जब्त किये गये।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने अली की गिरफ्तारी में सहायक सूचना देने वाले को 3 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी।
एक अधिकारी ने बताया कि संदेह है कि अली दिल्ली-एनसीआर स्थित कुछ वीआईपी लोगों पर संभावित हमले की फिराक में था। उससे पूछताछ की जा रही है।
अधिकारी ने बताया कि एजेंसियां पिछले डेढ़ साल से वांछित आतंकवादी की तलाश कर रही थीं, जब वह पुणे पुलिस की हिरासत से भाग गया था।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दिल्ली पुलिस, महाराष्ट्र पुलिस और एनआईए की टीमों ने अब तक अली समेत आईएसआईएस के पुणे मॉड्यूल के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया है।
अधिकारी ने बताया कि पिछले साल दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ और मुंबई पुलिस ने मॉड्यूल के सदस्यों के खिलाफ भारत विरोधी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के लिए कड़े गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दो अलग-अलग मामले दर्ज किए थे।
पिछले साल अक्टूबर में आईएसआईएस मॉड्यूल के तीन सदस्यों – मोहम्मद शाहनवाज, मोहम्मद रिजवान और अरशद वारसी को विशेष सेल ने क्रमशः दिल्ली, लखनऊ और मुरादाबाद से गिरफ्तार किया था।
एनआईए ने शाहनवाज़ की गिरफ्तारी में सहायक सूचना देने वाले को 3 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी।
दिल्ली पुलिस के बयान के मुताबिक, 2015 में अली सोशल मीडिया के ज़रिए कट्टरपंथी विचारधारा की ओर झुका। 2017 में उसकी मुलाक़ात झारखंड के रहने वाले शाहनवाज़ से हुई, जो पढ़ाई के लिए दिल्ली के शाहीन बाग़ में आया था। धीरे-धीरे दोनों अच्छे दोस्त बन गए।
शाहनवाज और अली हिजरत पर जाना चाहते थे और इस उद्देश्य के लिए धन इकट्ठा करने के लिए शाहनवाज आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया।
बयान में कहा गया है कि 2018 में अली सोशल मीडिया एप्लीकेशन के जरिए ISIS के एक हैंडलर से जुड़ा था। तब से वह और उसके साथी ISIS की विचारधारा में गहराई से शामिल हो गए थे और आतंकी वारदातों को अंजाम देने की योजना और तैयारी कर रहे थे।
अप्रैल 2022 में अली और शाहनवाज इमरान और यूनुस साकी के संपर्क में आए और इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) तैयार करने के लिए सामग्री इकट्ठा करना शुरू कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि यह मॉड्यूल पिछले डेढ़ साल से पुणे में सक्रिय है।
सूत्रों ने बताया कि मॉड्यूल के सदस्यों को कथित तौर पर पाकिस्तान स्थित फराहतुल्ला गौरी और शाहिद फैजल नामक संचालकों द्वारा ऑनलाइन भर्ती किया जाता है।
उन्होंने बताया कि पुणे पुलिस ने पिछले साल इमरान और साकी को गिरफ्तार किया था। दोनों व्यक्ति चोरी की गाड़ी में यात्रा करते हुए पाए गए थे।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)