रजोनिवृत्त महिलाओं को हृदय स्वास्थ्य में प्रतिकूल परिवर्तन का सामना करना पड़ता है।
मंगलवार को जारी शोध के अनुसार, रजोनिवृत्ति संक्रमण काल से गुज़र रही महिलाओं में ऐसे परिवर्तन होने की संभावना है जो उनके हृदय संबंधी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इस गलत धारणा के बावजूद कि हृदय संबंधी रोग (सीवीडी) एक “पुरुषों की बीमारी” है, यह महिलाओं की मृत्यु का मुख्य कारण है, जो इस आबादी में सभी मौतों का 40% हिस्सा है। रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं में हृदय रोग होने की संभावना अधिक होती है, भले ही उनमें आमतौर पर पुरुषों की तुलना में दस साल बाद सी.वी.डी. विकसित होता है।
जानिए हालिया अध्ययन के बारे में
अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास साउथवेस्टर्न मेडिकल सेंटर की अध्ययन लेखिका डॉ. स्टेफनी मोरेनो ने कहा, “रजोनिवृत्ति संक्रमण के दौरान और उसके बाद ‘खराब’ निम्न घनत्व वाले लिपोप्रोटीन (एलडीएल) कणों में वृद्धि और ‘अच्छे’ उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कणों (एचडीएल) में कमी होती है।”
उन्होंने कहा, “इन परिवर्तनों को मिलाकर देखें तो रजोनिवृत्ति उच्च जोखिम वाले लिपोप्रोटीन प्रोफाइल में परिवर्तन से जुड़ी है, जिससे हृदय संबंधी रोग, जैसे कोरोनरी धमनी रोग, होने की अधिक संभावना हो सकती है।”
अध्ययन में 1,246 प्रतिभागियों में रजोनिवृत्ति संक्रमण के दौरान लिपोप्रोटीन कणों में परिवर्तन का विश्लेषण किया गया। उन्होंने सी.वी.डी. से जुड़े आम लिपोप्रोटीन को मापा, जिसमें एथेरोजेनिक एल.डी.एल.-पी और छोटे घने एल.डी.एल. शामिल थे।
शोधकर्ताओं ने परमाणु चुंबकीय अनुनाद (एनएमआर) प्रौद्योगिकी का उपयोग करके रजोनिवृत्ति से पूर्व, रजोनिवृत्ति के दौरान और रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं और पुरुषों के बीच लिपोप्रोटीन माप में अनुदैर्ध्य परिवर्तनों की तुलना की।
परिणामों से पता चला कि सभी तीन महिला समूहों में एलडीएल-पी में वृद्धि हुई थी, जिसमें पेरी और पोस्ट समूहों के बीच सबसे अधिक प्रतिशत परिवर्तन था।
पुरुषों की तुलना में, जिनका प्रतिशत परिवर्तन 213 प्रतिशत था, छोटे-घने एलडीएल में पेरी-ग्रुप में अधिक प्रतिशत परिवर्तन था। प्री और पोस्ट-मेनोपॉज़ल आबादी दोनों की तुलना में, यह प्रतिशत परिवर्तन लगभग 15 प्रतिशत अधिक है।
मोरेनो ने कहा, “हमने पाया कि रजोनिवृत्ति लिपोप्रोटीन प्रोफाइल में प्रतिकूल परिवर्तनों से जुड़ी है, जिसमें सबसे अधिक स्पष्ट परिवर्तन पेरी-मेनोपॉज़ल महिलाओं में ‘खराब’ एलडीएल-कणों और उप-अंशों में वृद्धि के रूप में पाया गया।”
टीम ने और अधिक अध्ययन करने का आह्वान करते हुए कहा कि इन निष्कर्षों से रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाओं में हृदय रोग के बढ़ने की व्याख्या करने में मदद मिल सकती है, तथा यह निर्धारित करने में भी मदद मिल सकती है कि क्या पहले ही हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
निष्कर्षों को यूके में 30 अगस्त से 2 सितंबर तक होने वाली यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी (ईएससी) कांग्रेस 2024 की आगामी बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा।
(आईएएनएस इनपुट्स के साथ)
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