eSIM घोटाले से महिला को 27 लाख रुपये का नुकसान: खुद को बचाने के लिए टिप्स
हाल ही में नोएडा (यूपी) से eSIM एक्टिवेशन से जुड़ी धोखाधड़ी का एक बड़ा मामला सामने आया, जहां एक महिला ने इस घटना में 27 लाख रुपये से अधिक की रकम गंवा दी। यहाँ पूरी कहानी है:
नोएडा की महिला को ई-सिम धोखाधड़ी में 27 लाख रुपये का नुकसान
नोएडा की एक निजी कंपनी में काम करने वाली 44 वर्षीय महिला साइबर क्राइम का शिकार हो गई। सेक्टर 82 में रहने वाली महिला ने बताया कि उसके खाते से 27 लाख रुपये से अधिक की ठगी हो गई। ठगी के बाद उसने नोएडा सेक्टर 36 साइबर क्राइम थाने में शिकायत की। आईटी एक्ट की धारा 318 (4) और 319 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
धोखाधड़ी कैसे हुई?
पुलिस को दिए गए महिला के बयान (जो 31 अगस्त, 2024 को दर्ज किया गया था) के अनुसार, उसने बताया कि उसे किसी व्यक्ति से व्हाट्सएप कॉल आया, जिसने खुद को एक टेलीकॉम कंपनी के कस्टमर केयर से होने का दावा किया। जालसाज ने उसे अपने नंबर को eSIM में बदलने के लाभों के बारे में आश्वस्त किया। इसे असली मानकर (गलती से) महिला ने एक सत्यापन कोड साझा किया जो उसके फोन पर भेजा गया था। इसके बाद, उसका मोबाइल नंबर निष्क्रिय कर दिया गया।
अगले दिन जब महिला को eSIM नहीं मिला तो उसने टेलीकॉम प्रदाता की आधिकारिक ग्राहक सेवा से संपर्क किया। वहां उसे नया सिम कार्ड लेने के लिए पास के स्टोर पर जाने की सलाह दी गई। नया सिम मिलने के बाद उसने अपने नंबर पर कई मैसेज देखे, जिसमें बताया गया कि उसके खाते से 27 लाख रुपये से अधिक की राशि निकाल ली गई है।
यह गलती करने से बचें: सिम स्वैप धोखाधड़ी की व्याख्या
निश्चित रूप से, वह अकेली नहीं है जिसने इस स्थिति का सामना किया है और दुनिया भर में कई लोग इस स्थिति का शिकार हो रहे हैं। इस तरह की धोखाधड़ी को सिम स्वैप फ्रॉड के नाम से जाना जाता है। साइबर अपराधी आपके मोबाइल नंबर के लिए एक डुप्लिकेट सिम प्राप्त करते हैं, जिससे उन्हें आपके बैंक खातों और व्यक्तिगत जानकारी तक पहुँच मिलती है। अगर आपको कोई संदिग्ध कॉल या संदेश मिलता है जिसमें आपको eSIM पर स्विच करने के लिए कहा जाता है, तो उसे तुरंत अनदेखा करें। कभी भी OTP या पासवर्ड साझा न करें: इन विवरणों को साझा करने से साइबर अपराधी आपके मौजूदा सिम को निष्क्रिय कर सकते हैं और अपने नियंत्रण में एक नया सिम सक्रिय कर सकते हैं। अपने दस्तावेज़ों की सुरक्षा करें: केवल आवश्यक होने पर ही व्यक्तिगत दस्तावेज़ साझा करें और दुरुपयोग को रोकने के लिए हमेशा दस्तावेज़ पर साझा करने के उद्देश्य को चिह्नित करें।
संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट चक्षु पोर्टल पर करें
यदि आपको कोई संदिग्ध कॉल, संदेश या ईमेल मिले तो उसकी सूचना सरकार के चक्षु पोर्टल पर दें।
इससे साइबर अपराधियों पर एजेंसी की निगरानी रहेगी, जिससे बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी को रोकने में मदद मिलेगी।
सतर्क और सावधान रहकर आप खुद को ऐसे घोटालों का शिकार होने से बचा सकते हैं।
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