क्या अरविंद केजरीवाल को आज जमानत मिलेगी? दिल्ली हाईकोर्ट दोपहर 2:30 बजे फैसला सुनाएगा

Will Arvind Kejriwal Get Bail Today? Delhi HC To Pronounce Verdict At 2:30 PM Will Arvind Kejriwal Get Bail Today? Delhi HC To Pronounce Verdict At 2:30 PM


दिल्ली उच्च न्यायालय आज दोपहर 2:30 बजे दिल्ली शराब नीति मामले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी और जमानत याचिका को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुनाएगा।

न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने यह बात केजरीवाल के वकील द्वारा उनके समक्ष मामला रखे जाने के बाद कही।

पिछले सप्ताह दिल्ली उच्च न्यायालय ने आबकारी शराब नीति मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दायर नियमित जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सीबीआई ने केजरीवाल की जमानत का विरोध किया और कहा कि उसने आज अंतिम चार्जशीट दाखिल कर दी है और वह मुकदमा शुरू करने के लिए तैयार है। सीबीआई के वकील ने दलील दी कि केजरीवाल कैबिनेट के मुखिया हैं और उन्होंने नई आबकारी नीति पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अगर हस्ताक्षर करने मात्र से केजरीवाल मास्टरमाइंड बन जाते हैं तो एलजी वीके सक्सेना ने भी नीति पर हस्ताक्षर किए थे, उन्हें भी मामले में पक्षकार बनाया जाना चाहिए। हालांकि, सीबीआई के वकील ने कहा कि सिंघवी मामले को सनसनीखेज बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 जुलाई को केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका और सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह फैसला अभी सुनाया जाना बाकी है।

सीबीआई की ओर से पेश वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि अरविंद केजरीवाल कथित दिल्ली शराब नीति मामले के पीछे मास्टरमाइंड हैं, क्योंकि उन्होंने ही मंत्रियों और सचिवालय के सदस्यों की नियुक्ति की थी, जिसमें मुख्य आरोपी विजय नायर भी शामिल है।

सीबीआई के वकील ने तर्क दिया कि कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं जिनमें जमानत पर सीधे उच्च न्यायालय सुनवाई कर सकता है, लेकिन उच्च न्यायालय जमानत पर सुनवाई करने वाला प्रथम न्यायालय नहीं बन सकता।

सीबीआई ने अदालत को बताया कि 44 करोड़ रुपये की धनराशि का पता चला है और उस धन का इस्तेमाल गोवा चुनावों में किया गया था।

हालांकि सिंघवी ने तर्क दिया कि मामले में ज़्यादातर बयान सुनी-सुनाई बातों पर आधारित हैं। पिछली सुनवाई में केजरीवाल की ओर से पेश सिंघवी ने सीबीआई की गिरफ़्तारी को बीमा गिरफ़्तारी बताया था। उन्होंने तर्क दिया था कि जब सीबीआई को पता चला कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पीएमएलए मामले में केजरीवाल बाहर निकलेंगे, तो उन्होंने उन्हें तिहाड़ जेल से गिरफ़्तार कर लिया, जहाँ वे पहले से ही बंद थे।

दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी द्वारा केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। अब वे सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामले में जेल में हैं।


दिल्ली उच्च न्यायालय आज दोपहर 2:30 बजे दिल्ली शराब नीति मामले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी और जमानत याचिका को चुनौती देने वाली दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की याचिका पर फैसला सुनाएगा।

न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा ने यह बात केजरीवाल के वकील द्वारा उनके समक्ष मामला रखे जाने के बाद कही।

पिछले सप्ताह दिल्ली उच्च न्यायालय ने आबकारी शराब नीति मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दायर नियमित जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सीबीआई ने केजरीवाल की जमानत का विरोध किया और कहा कि उसने आज अंतिम चार्जशीट दाखिल कर दी है और वह मुकदमा शुरू करने के लिए तैयार है। सीबीआई के वकील ने दलील दी कि केजरीवाल कैबिनेट के मुखिया हैं और उन्होंने नई आबकारी नीति पर हस्ताक्षर किए हैं। हालांकि, केजरीवाल की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि अगर हस्ताक्षर करने मात्र से केजरीवाल मास्टरमाइंड बन जाते हैं तो एलजी वीके सक्सेना ने भी नीति पर हस्ताक्षर किए थे, उन्हें भी मामले में पक्षकार बनाया जाना चाहिए। हालांकि, सीबीआई के वकील ने कहा कि सिंघवी मामले को सनसनीखेज बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 17 जुलाई को केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका और सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देने पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह फैसला अभी सुनाया जाना बाकी है।

सीबीआई की ओर से पेश वकील ने उच्च न्यायालय को बताया कि अरविंद केजरीवाल कथित दिल्ली शराब नीति मामले के पीछे मास्टरमाइंड हैं, क्योंकि उन्होंने ही मंत्रियों और सचिवालय के सदस्यों की नियुक्ति की थी, जिसमें मुख्य आरोपी विजय नायर भी शामिल है।

सीबीआई के वकील ने तर्क दिया कि कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं जिनमें जमानत पर सीधे उच्च न्यायालय सुनवाई कर सकता है, लेकिन उच्च न्यायालय जमानत पर सुनवाई करने वाला प्रथम न्यायालय नहीं बन सकता।

सीबीआई ने अदालत को बताया कि 44 करोड़ रुपये की धनराशि का पता चला है और उस धन का इस्तेमाल गोवा चुनावों में किया गया था।

हालांकि सिंघवी ने तर्क दिया कि मामले में ज़्यादातर बयान सुनी-सुनाई बातों पर आधारित हैं। पिछली सुनवाई में केजरीवाल की ओर से पेश सिंघवी ने सीबीआई की गिरफ़्तारी को बीमा गिरफ़्तारी बताया था। उन्होंने तर्क दिया था कि जब सीबीआई को पता चला कि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा पीएमएलए मामले में केजरीवाल बाहर निकलेंगे, तो उन्होंने उन्हें तिहाड़ जेल से गिरफ़्तार कर लिया, जहाँ वे पहले से ही बंद थे।

दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी द्वारा केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। अब वे सीबीआई द्वारा उनके खिलाफ दर्ज मामले में जेल में हैं।

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