पता है कि बच्चे कम उम्र में चश्मा क्यों पहने हुए हैं। प्रारंभिक मायोपिया से जुड़े अंतर्निहित कारणों और संभावित जोखिमों को जानें। अपने बच्चे की दृष्टि की रक्षा के लिए रोकथाम के उपायों पर विशेषज्ञ सलाह लें।
आजकल, छोटे बच्चों के बीच चश्मा पहनने की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इससे पहले, चश्मा पहने हुए उम्र के साथ देखा गया था, लेकिन अब छोटे बच्चों को भी मोटे लेंस के साथ चश्मा पहने हुए देखा जाता है। इसके पीछे कई कारण हैं, जिसमें स्क्रीन का बढ़ता उपयोग, एक असंतुलित आहार और बाहरी गतिविधियों की कमी शामिल है।
कारण क्यों बच्चे कम उम्र में चश्मा पहनते हैं
स्क्रीन का अत्यधिक उपयोग: आजकल बच्चे मोबाइल फोन, लैपटॉप और टीवी का उपयोग कर रहे हैं। स्क्रीन से उत्सर्जित नीली रोशनी आंखों को नुकसान पहुंचाती है और दृष्टि को कमजोर करती है। ऑनलाइन कक्षाएं, गेमिंग, और दिन भर में वीडियो देखने से आंखों पर दबाव बढ़ जाता है, जिसके कारण चश्मे की आवश्यकता जल्दी से बढ़ने लगती है। आउटडोर खेलने की कमी: पहले, बच्चे ज्यादातर समय खुले मैदानों में खेलते थे, जो प्राकृतिक प्रकाश और उनकी आंखों के लिए एक खुला वातावरण प्रदान करते थे। लेकिन अब ज्यादातर बच्चे घर के अंदर रहते हैं और स्क्रीन के सामने लगे रहते हैं, जिसके कारण आंखों की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं। खराब आहार: विटामिन ए, सी, और ई जैसे पोषक तत्व आंखों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। हरी सब्जियों, गाजर, टमाटर, संतरे और नट का सेवन आंखों के लिए फायदेमंद है। लेकिन आजकल बच्चों का आहार जंक फूड और तले हुए खाद्य पदार्थों पर अधिक निर्भर हो गया है, जिसके कारण उनकी दृष्टि कमजोर होने लगती है। गलत अध्ययन की आदतें: कम रोशनी में पढ़ना, गलत मुद्रा में अध्ययन करना, और पुस्तकों को आंखों के बहुत करीब रखकर पढ़ने की आदत भी आंखों को प्रभावित करती है।
स्वाभाविक रूप से आंखों की रोशनी में सुधार करने के लिए टिप्स
स्क्रीन समय कम करें: बच्चों को मोबाइल और लैपटॉप से दूर रखने की कोशिश करें। यदि अध्ययन के लिए स्क्रीन का उपयोग करना आवश्यक है, तो 20-20-20 नियम का पालन करें। यही है, हर 20 मिनट के बाद, 20 सेकंड के लिए 20 फीट दूर देखें। उन्हें बाहर खेलने के लिए प्रोत्साहित करें: प्राकृतिक प्रकाश में समय बिताना और हरे रंग का वातावरण नेत्र स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। बच्चों को रोजाना कम से कम 1 घंटे के लिए बाहर खेलने के लिए भेजें। एक संतुलित आहार प्रदान करें: बच्चों को गाजर, पालक, टमाटर, शकरकंद, बादाम और अखरोट जैसे पोषक तत्वों से भरपूर आहार दें। इसके अलावा, बहुत सारी मिठाइयों और जंक फूड खाने से बचें। आंखों के व्यायाम करें: अपनी आंखों को स्वस्थ रखने के लिए, रोजाना कुछ सरल अभ्यास करें, जैसे कि अपनी उंगलियों पर ध्यान केंद्रित करना और धीरे -धीरे उन्हें और दूर तक ले जाना। एक गोलाकार गति में अपनी आँखें घुमाना। अपनी आँखों को हल्के हाथों से मालिश करना। पर्याप्त नींद महत्वपूर्ण है: बच्चों को हर दिन 8-10 घंटे की गहरी नींद आती है। अच्छी नींद आंखों की थकान को कम करती है और बेहतर दृष्टि को बनाए रखती है।
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