जमाखोरी और बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने थोक विक्रेताओं, बड़ी खुदरा शृंखला वाले खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए गेहूं के स्टॉक रखने के नियम कड़े कर दिए हैं। खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि व्यापारी और थोक विक्रेता अब 1,000 टन से कम करके 500 टन तक गेहूं का स्टॉक रख सकते हैं, जबकि बड़ी खुदरा शृंखला वाले खुदरा विक्रेता प्रत्येक आउटलेट में 5 टन और अपने सभी डिपो पर 1,000 टन के बजाय कुल 500 टन गेहूं रख सकते हैं।
जमाखोरी और बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने थोक विक्रेताओं, बड़ी खुदरा शृंखला वाले खुदरा विक्रेताओं और प्रसंस्करणकर्ताओं के लिए गेहूं के स्टॉक रखने के नियम कड़े कर दिए हैं। खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि व्यापारी और थोक विक्रेता अब 1,000 टन से कम करके 500 टन तक गेहूं का स्टॉक रख सकते हैं, जबकि बड़ी खुदरा शृंखला वाले खुदरा विक्रेता प्रत्येक आउटलेट में 5 टन और अपने सभी डिपो पर 1,000 टन के बजाय कुल 500 टन गेहूं रख सकते हैं।
बयान में कहा गया है कि प्रोसेसरों को अप्रैल 2024 तक शेष महीनों में अपनी मासिक स्थापित क्षमता के 70 प्रतिशत के बजाय 60 प्रतिशत को बनाए रखने की अनुमति दी जाएगी।
यहां यह बताना उचित होगा कि समग्र खाद्य सुरक्षा के प्रबंधन तथा जमाखोरी और बेईमान सट्टेबाजी को रोकने के लिए 12 जून, 2023 को गेहूं पर स्टॉक सीमा लागू की गई थी, जो इस वर्ष मार्च तक लागू है।
मंत्रालय ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी इन स्टॉक सीमाओं के प्रवर्तन पर बारीकी से नजर रखेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में गेहूं की कोई कृत्रिम कमी पैदा न हो।
मंत्रालय ने कहा कि सभी गेहूं भंडारण इकाइयों को गेहूं स्टॉक सीमा पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा और हर शुक्रवार को स्टॉक की स्थिति को अपडेट करना होगा। कोई भी इकाई जो पोर्टल पर पंजीकृत नहीं है या स्टॉक सीमा का उल्लंघन करती है, उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
यदि उपरोक्त संस्थाओं द्वारा धारित स्टॉक निर्धारित सीमा से अधिक है, तो उन्हें अधिसूचना जारी होने के 30 दिनों के भीतर उसे निर्धारित स्टॉक सीमा तक लाना होगा।
इस बीच, केंद्र सरकार घरेलू उपलब्धता में सुधार और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए ओपन मार्केट सेल स्कीम (ओएमएसएस) के माध्यम से थोक उपभोक्ताओं को एफसीआई गेहूं बेच रही है। मंत्रालय ने कहा कि ओएमएसएस के तहत 2150 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बिक्री के लिए आवंटित 101.5 लाख टन में से लगभग 80.04 लाख टन गेहूं प्रोसेसर को साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से बेचा गया है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता के आधार पर जनवरी-मार्च 2024 के दौरान ओएमएसएस के तहत अतिरिक्त 25 लाख टन गेहूं बेचा जा सकता है।
सरकारी स्वामित्व वाली भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) भी नैफेड, एनसीसीएफ और केन्द्रीय भंडार जैसे केन्द्रीय सहकारी संगठनों को आटा बनाने के लिए गेहूं जारी कर रही है, तथा इसे ‘भारत’ ब्रांड के तहत 27.50 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेच रही है।