आरबीआई की घोषणाएं: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कई महत्वपूर्ण फैसलों की घोषणा की। 6 जून को शुरू हुई मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक के नतीजे आज घोषित किए गए। RBI ने लगातार नौवीं बार रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने का विकल्प चुना है। इसके अलावा, RBI ने कई महत्वपूर्ण उपाय पेश किए हैं जिनका सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा। आइए जानें कि ये बदलाव आम लोगों को कैसे प्रभावित कर सकते हैं।
इन परिवर्तनों का आम जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका विवरण इस प्रकार है:
- यूपीआई लेनदेन सीमा में वृद्धि: आरबीआई ने घोषणा की है कि कर भुगतान के लिए यूपीआई लेनदेन की सीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये प्रति लेनदेन कर दी गई है। सीमा में बढ़ोतरी से करदाताओं को उच्च कर देयता का भुगतान जल्दी करने में मदद मिलेगी।
- कुछ घंटों में चेक का समाशोधन: आरबीआई ने घोषणा की कि अब चेक कुछ ही घंटों में क्लियर हो जाएंगे। गवर्नर ने चेक भुगतान में तेजी लाने के उपायों की भी घोषणा की, जिससे भुगतानकर्ता और आदाता दोनों को लाभ होगा। वर्तमान में, चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) के माध्यम से चेक क्लियरिंग, बैच-प्रोसेसिंग मोड में संचालित होती है और इसमें दो कार्य दिवस तक का क्लियरिंग चक्र होता है।
- रेपो दर में कोई बदलाव नहीं: आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इसका सीधा मतलब है कि बैंक से लोन लेने वाले ग्राहकों को ब्याज दरों में कोई राहत नहीं मिलेगी और उन्हें बढ़ी हुई दरों पर ईएमआई चुकानी होगी।
- खुदरा मुद्रास्फीति 4.5% रहने की उम्मीद: आरबीआई का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत के आसपास रहेगी। गवर्नर दास ने कहा कि कुल मिलाकर मुद्रास्फीति दर में कमी आ रही है, लेकिन इसमें और कमी आने की उम्मीद है। हालांकि, उन्होंने सावधानी बरतने की जरूरत पर जोर दिया।
- खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें: खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों ने आम जनता और आरबीआई दोनों के लिए चिंता बढ़ा दी है। शक्तिकांत दास ने कहा कि समग्र मुद्रास्फीति में कमी के बावजूद, एमपीसी उच्च खाद्य कीमतों के प्रभाव को नजरअंदाज नहीं कर सकती। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि खाद्य पदार्थों की कीमतें देश भर में आम लोगों को काफी प्रभावित करती हैं।
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