रूस यूक्रेन युद्ध: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध विनाश की नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है। हाल ही में रूस ने संघर्ष में पहली बार अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) लॉन्च की। यह एक बड़ी वृद्धि को दर्शाता है और युद्ध के भविष्य के बारे में गंभीर चिंताएँ पैदा करता है। रूस ने आईसीबीएम को दक्षिणी रूस के अस्त्रखान क्षेत्र से दागा। मिसाइल ने यूक्रेन के एक प्रमुख शहर डीनिप्रो को निशाना बनाया, जिससे महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे पर हमला हुआ। यह पहली बार है जब रूस ने इस युद्ध में इतने शक्तिशाली, लंबी दूरी के हथियार का इस्तेमाल किया है।
यह हमला यूक्रेन द्वारा रूसी ठिकानों पर अमेरिका निर्मित एटीएसीएमएस और ब्रिटिश स्टॉर्म शैडो मिसाइलें लॉन्च करने के बाद हुआ है। रूस ने चेतावनी दी थी कि इस तरह की कार्रवाइयों से रूस यूक्रेन युद्ध बढ़ सकता है। ऐसा लगता है कि आईसीबीएम हमला इन उकसावों की प्रतिक्रिया है, जिससे तनाव और भी बढ़ गया है।
इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) क्या है?
इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) एक लंबी दूरी की मिसाइल है जिसे विशाल दूरी तक परमाणु हथियार ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। ये मिसाइलें अक्सर एक महाद्वीप से दूसरे महाद्वीप तक हजारों मील की यात्रा कर सकती हैं। रूस यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में, आईसीबीएम की तैनाती एक खतरनाक नई वृद्धि को दर्शाती है, जो दिखाती है कि आधुनिक सैन्य तकनीक कितनी शक्तिशाली और दूरगामी हो गई है।
शीत युद्ध के बाद से, आईसीबीएम किसी देश के शस्त्रागार में सबसे शक्तिशाली हथियारों में से एक रहा है, जो परमाणु निरोध रणनीतियों का केंद्र है। दुनिया में कहीं भी हमला करने की क्षमता ने ICBM को रूस सहित कई देशों की सैन्य योजना के केंद्र में रखा है।
अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (आईसीबीएम) की मुख्य विशेषताएं
रेंज: आईसीबीएम 5,500 किलोमीटर (लगभग 3,400 मील) से अधिक की यात्रा कर सकते हैं, और महाद्वीपों में लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। यह लंबी दूरी उन्हें रूस यूक्रेन युद्ध में लंबी दूरी के हमलों के लिए एकदम सही बनाती है। गति: एक बार लॉन्च होने के बाद, आईसीबीएम 24,000 किमी/घंटा (15,000 मील प्रति घंटे) तक की गति तक पहुंच सकते हैं, जिससे उन्हें रोकना लगभग असंभव हो जाता है। मल्टी-वारहेड क्षमता: कई आईसीबीएम कई वारहेड ले जा सकते हैं, जिससे वे एक साथ कई लक्ष्यों पर हमला कर सकते हैं। वैश्विक रक्षा रणनीतियों में यह सुविधा महत्वपूर्ण है। लॉन्च प्लेटफ़ॉर्म: आईसीबीएम को साइलो, पनडुब्बी या मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया जा सकता है, जिससे लचीलापन मिलता है और उनका पता लगाना कठिन हो जाता है। मार्गदर्शन प्रणाली: ये मिसाइलें उन्नत उपग्रह नेविगेशन और जड़त्वीय प्रणालियों का उपयोग करती हैं, जो लंबी दूरी पर भी सटीक लक्ष्य सुनिश्चित करती हैं।
किन देशों के पास अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें (आईसीबीएम) हैं?
आईसीबीएम रूस तक ही सीमित नहीं हैं। कई देशों के पास ये हैं, जो वैश्विक सैन्य रणनीतियों में हथियार के महत्व को दर्शाता है। इन राष्ट्रों में शामिल हैं:
संयुक्त राज्य अमेरिका रूस चीन फ्रांस भारत यूनाइटेड किंगडम इज़राइल उत्तर कोरिया
ये देश अपनी परमाणु निवारण रणनीतियों के एक प्रमुख घटक के रूप में आईसीबीएम पर भरोसा करते हैं। वे सुनिश्चित करते हैं कि ये देश जरूरत पड़ने पर दुनिया भर में किसी भी लक्ष्य पर हमला कर सकते हैं, जो उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
रूस यूक्रेन युद्ध के वैश्विक निहितार्थ और आईसीबीएम का उपयोग
रूस यूक्रेन युद्ध में अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का उपयोग एक खतरनाक वृद्धि का प्रतीक है। ऐसे शक्तिशाली हथियार के इस्तेमाल से वैश्विक तनाव बढ़ सकता है और संभावित रूप से संघर्ष का रुख बदल सकता है। जैसे-जैसे युद्ध जारी है, दुनिया देख रही है कि क्या आईसीबीएम का उपयोग रूस की सैन्य रणनीति का अधिक लगातार हिस्सा बनता है या नहीं।
अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल जैसे परमाणु हथियारों के बढ़ते खतरे ने रूस यूक्रेन युद्ध में जटिलता की एक नई परत जोड़ दी है। दोनों पक्षों द्वारा तेजी से शक्तिशाली हथियारों का उपयोग करने से, जोखिम पहले से कहीं अधिक बढ़ गया है, और वैश्विक सुरक्षा चिंताएँ लगातार बढ़ रही हैं।
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