बांग्लादेश में जारी अशांति के बीच भारतीय राज्यों में बांग्लादेशियों के घुसपैठ का खतरा मंडराने लगा है। तटीय राज्य ओडिशा ने कहा है कि बांग्लादेश में अशांति को देखते हुए राज्य में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि समुद्री मार्ग से तटीय राज्य में बांग्लादेशियों के घुसपैठ की कोई खबर नहीं है।
हरिचंदन ने कहा कि ओडिशा में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की पहचान की जाएगी और उन्हें उनके देश वापस भेजा जाएगा।
ओडिशा में त्रिस्तरीय सुरक्षा
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नौसेना, तटरक्षक बल और ओडिशा मरीन पुलिस द्वारा समुद्र तट पर त्रिस्तरीय सुरक्षा बनाए रखी जा रही है।
पड़ोसी देश में राजनीतिक उथल-पुथल के मद्देनजर समुद्री मार्ग से बांग्लादेश से घुसपैठ की संभावना पर पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए हरिचंदन ने कहा कि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने तटरक्षक बल और ओडिशा समुद्री पुलिस दोनों को इस तरह के प्रयासों को रोकने के लिए समुद्र तट पर गश्त करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हाल की घटनाओं के बाद ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं आई है।
उन्होंने शनिवार को कहा, “कुछ बांग्लादेशी लंबे समय से ओडिशा में रह रहे हैं। राज्य सरकार उनके वीजा और वर्क परमिट जैसे दस्तावेजों या राज्य में रहने के किसी अन्य वैध कारण का सत्यापन करेगी। सत्यापन के बाद अवैध घुसपैठियों को उनके देश वापस भेज दिया जाएगा।”
ओडिशा पुलिस ने कहा कि राज्य की 480 किलोमीटर लंबी तटरेखा तीन स्तरीय सुरक्षा जांच के दायरे में है।
पहले पांच समुद्री मील की सुरक्षा ओडिशा की समुद्री पुलिस द्वारा की जा रही है, जबकि 5 समुद्री मील और तट से 80 किलोमीटर दूर देश की समुद्री सीमा के बीच के जल क्षेत्र का प्रबंधन तटरक्षक बल द्वारा किया जा रहा है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा, भारतीय नौसेना अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में निगरानी और गश्त कर रही है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, ओडिशा के सात जिलों में कुल 3,740 अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान की गई है। इनमें से 1,649 केंद्रपाड़ा में, 1,112 जगतसिंहपुर में और 655 मलकानगिरी में हैं।
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