उत्तर प्रदेश का अनोखा गांव: हर निवासी का नाम राम या कृष्ण के नाम पर, मांस या शराब का सेवन नहीं

उत्तर प्रदेश का अनोखा गांव: हर निवासी का नाम राम या कृष्ण के नाम पर, मांस या शराब का सेवन नहीं

बागपत, भारत — उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में स्थित इदरेशपुर गांव में आस्था का एक अद्भुत उदाहरण देखने को मिलता है, जहां हर निवासी राम या कृष्ण का नाम रखता है। यह परंपरा एक गहरी आस्था को दर्शाती है जो पीढ़ियों से चली आ रही है, जिसमें कई परिवार इन देवताओं को अपने नाम से पूजते हैं।

इदरेशपुर की पहचान शाकाहारी जीवनशैली है, जिसमें मांस या शराब का सेवन वर्जित है। यहां दैनिक अनुष्ठान आम बात है और निवासी नियमित पूजा-अर्चना करते हैं, जिससे गांव में भगवान को समर्पित मंत्रोच्चार गूंजता है। घरों को अक्सर रामवीर, रामकिशन और रामवारी जैसे नामों से सजाया जाता है, जो भगवान राम से उनके मजबूत संबंध को दर्शाता है।

गांव में 15 से ज़्यादा मंदिर हैं और हर हफ़्ते राम और कृष्ण से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ये आयोजन गांव के आध्यात्मिकता और भक्ति से जुड़े ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करते हैं और यहां रहने वाले संतों के प्रति लोगों में श्रद्धा जगाते हैं।

निवासी गर्व से अपने नाम बताते हैं: पुरुषों का नाम अक्सर रामलाल या रामेश्वर होता है, जबकि महिलाओं का नाम रामलता या रामरती होता है। लगभग 5,500 की आबादी वाला इद्रेशपुर सिर्फ़ एक समुदाय नहीं है; यह अटूट आस्था और सांस्कृतिक पहचान का जीवंत प्रमाण है, जहाँ राम और कृष्ण की शिक्षाएँ दैनिक जीवन को आकार देती हैं।

बच्चों को कम उम्र से ही भक्ति के मूल्यों से भर दिया जाता है, जिससे गांव की पहचान आध्यात्मिक शिक्षाओं के लिए समर्पित स्थान के रूप में और मजबूत होती है। इदरेशपुर गांव इस बात का अनूठा उदाहरण है कि कैसे परंपरा और आस्था सामुदायिक जीवन को गहराई से प्रभावित कर सकती है।

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