केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक राष्ट्र, एक चुनाव प्रस्ताव को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक राष्ट्र, एक चुनाव प्रस्ताव को मंजूरी दी

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सरकार के ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसमें लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने तथा शहरी निकाय और पंचायत चुनाव 100 दिनों के भीतर कराने का प्रस्ताव है।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट में ये सिफारिशें की गई थीं।

राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया है। कैबिनेट ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव को मंजूरी दी।”

केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि प्रस्ताव को दो चरणों में क्रियान्वित किया जाएगा।

मंत्री ने कहा, “पहले चरण में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव होंगे और दूसरे चरण में स्थानीय निकाय चुनाव (ग्राम पंचायत, ब्लॉक, जिला पंचायत) और शहरी स्थानीय निकाय (नगर पालिका और नगर समितियां या नगर निगम) होंगे।”

वैष्णव ने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की समिति की सिफारिशों पर पूरे भारत में विभिन्न मंचों पर चर्चा की जाएगी।

मंत्री ने कहा, “एक साथ चुनाव कराने संबंधी कोविंद समिति की सिफारिशों को आगे बढ़ाने के लिए कार्यान्वयन समूह का गठन किया जाएगा।”

वैष्णव ने आगे कहा कि विभिन्न राजनीतिक दलों ने वास्तव में एक राष्ट्र, एक चुनाव पहल का समर्थन किया है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “जब वे उच्च स्तरीय बैठकों में बातचीत करते हैं, तो वे बहुत ही संक्षिप्त तरीके से और बहुत स्पष्टता के साथ अपना इनपुट देते हैं। हमारी सरकार उन मुद्दों पर आम सहमति बनाने में विश्वास करती है जो लंबे समय में लोकतंत्र और राष्ट्र को प्रभावित करते हैं। यह एक ऐसा विषय है, जो हमारे राष्ट्र को मजबूत करेगा।”

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ संबंधी उच्च स्तरीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बार-बार चुनाव होने से अनिश्चितता का माहौल बनता है और नीतिगत निर्णय प्रभावित होते हैं। साथ ही कहा कि एक साथ चुनाव कराने से नीति निर्माण में अधिक निश्चितता आएगी।

18,626 पृष्ठों वाली यह रिपोर्ट, 2 सितंबर, 2023 को उच्च स्तरीय समिति के गठन के बाद से, 191 दिनों में हितधारकों, विशेषज्ञों और शोध कार्य के साथ व्यापक विचार-विमर्श का परिणाम है।

एक साथ चुनावों के लाभों पर प्रकाश डालते हुए समिति ने कहा कि ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ मतदाताओं के लिए आसानी और सुविधा सुनिश्चित करता है, मतदाताओं की थकान को कम करता है, तथा अधिक मतदान को सुगम बनाता है।

इन निकायों ने समिति को बताया कि समय-समय पर होने वाले चुनावों से सामाजिक सद्भाव बिगड़ने के अलावा आर्थिक विकास, सार्वजनिक व्यय की गुणवत्ता, शैक्षिक एवं अन्य परिणामों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

पूर्व राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता वाले पैनल ने लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले मार्च में रिपोर्ट प्रस्तुत की थी।

अब यह प्रस्ताव संसद में पेश किया जाएगा और कानून बनने से पहले इसे दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा में पारित होना होगा।

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