पश्चिम बंगाल में हुगली जिला अदालत ने प्रोमैथेस घोषाल नामक 42 वर्षीय निजी शिक्षक को मौत की सजा सुनाई, जिसने अपने माता-पिता और बहन की बेरहमी से हत्या कर दी थी। यह अपराध 8 नवंबर, 2021 को चिनसुरा उपखंड के धनियाखाली गांव में हुआ। माता-पिता और बहन की हत्या करने के बाद, प्रोमेथेस ने अपनी कलाई काटकर आत्महत्या का प्रयास किया और जीवित रहा। उनकी कथित हत्या के प्रयास के बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया था।
आरोपी: गणित और विज्ञान के शिक्षक प्रोमेथेस घोषाल अपने पिता आशिम (68), मां सुभ्रा (60) और अपनी विवाहित बहन पल्लवी चटर्जी (38) के साथ रहते थे। वह परिवार का कमाने वाला था।
घटना का दिन
8 नवंबर 2021 को, प्रोमेथेस का एक छात्र निर्धारित ट्यूशन सत्र के लिए उसके दरवाजे पर दस्तक देता रहा।
खून से लथपथ प्रोमाथेस ने दरवाज़ा खोला और गिर पड़ा।
छात्र ने हुगली पुलिस को सूचित किया, जिसे घर के अंदर उसके माता-पिता और बहन के शव मिले।
प्रोमैथेस ने अपने परिवार के सदस्यों के सिर और गर्दन पर हमला करने के बाद अपनी कलाई काटकर आत्महत्या का प्रयास किया था।
मकसद: पैसे को लेकर विवाद
पुलिस पूछताछ के दौरान, प्रोमैथेस ने कथित तौर पर दावा किया कि वह अपने परिवार की लगातार पैसे की मांग से परेशान था। कोविड-19 महामारी के दौरान उनकी कमाई में काफी गिरावट देखी गई थी और वह बिना पक्की नौकरी के बेरोजगार थे। हालाँकि, स्थानीय लोगों के अनुसार, प्रोमैथेस ने अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए शिक्षण से पर्याप्त धन अर्जित किया।
न्यायालय की कार्यवाही और निर्णय
प्रोमैथेस ने चिनसुरा कोर्ट (जिला न्यायालय, हुगली) में मुकदमे में जूरी के सामने अपनी बेगुनाही की दलील देना जारी रखा। हालाँकि, न्यायाधीश संजय कुमार शर्मा ने हत्या को असाधारण क्रूरता वाला पाया और अपराध को “दुर्लभतम” करार दिया। इसलिए, प्रोमेथेस को मौत की सजा दी गई।