तिब्बत में 7.1 तीव्रता का घातक भूकंप, पूरे भारत में महसूस किए गए झटके
मंगलवार सुबह नेपाल सीमा के पास पश्चिमी तिब्बती क्षेत्र में रिक्टर पैमाने पर 7.1 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आया, जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई और 68 घायल हो गए। सरकारी चीनी मीडिया ने बताया, “इमारतों और बुनियादी ढांचे को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया।”
अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, भूकंप का केंद्र तिब्बत के ज़िगाज़ क्षेत्र में 10 किलोमीटर (6 मील) की गहराई पर स्थित था। इस बीच, चीन की भूकंप निगरानी एजेंसी ने बताया कि भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.8 मापी गई। प्रभावित क्षेत्र की औसत ऊंचाई 4,200 मीटर (13,800 फीट) है।
उल्लेखनीय भूकंप, प्रारंभिक जानकारी: एम 7.1 – लोबुचे, नेपाल से 93 किमी उत्तर पूर्व https://t.co/QsViMSdtoE
– यूएसजीएस भूकंप (@USGS_Quakes) 7 जनवरी 2025
व्यर्थ
बचाव कार्य जारी है
मलबे में फंसे जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए बचाव दल को आपदाग्रस्त क्षेत्र में भेजा गया है। सुदूर पहाड़ी इलाकों में आपातकालीन ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं, जो अपनी ऊंचाई और ऊबड़-खाबड़ इलाके के कारण एक दुःस्वप्न हैं।
भारत और नेपाल में महसूस किये गये भूकंप के झटके
#टूटने के: परिमाण 7.2 #भूकंप बस चीन, ताइवान, नेपाल और भारत पर प्रहार करें pic.twitter.com/l1lDcvpGM5
– ईज़ी (@EzeemmaCraic) 7 जनवरी 2025
नेपाल और भारत के कुछ हिस्से जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश, असम और दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र भूकंप के झटकों से बुरी तरह प्रभावित हुए। सुबह-सुबह जैसे ही जमीन हिलती देखी गई, बिहार के लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। हालांकि बड़े पैमाने पर लोग घबराए हुए थे, लेकिन भारत में संपत्ति के नुकसान की अभी तक कोई रिपोर्ट नहीं आई है।
बहुत खूब! यहां अब अपग्रेड किए गए M7.1 पर एक और नज़र है #भूकंप खुमजंग से, #नेपाल कुछ देर पहले लाइव कैम। 🥴 #नेपालभूकंप pic.twitter.com/qtVklIJa8e
– लाइवकैमचेज़र (@LiveCamChaser) 7 जनवरी 2025
यूएसजीएस के अनुसार, भूकंप का केंद्र तिब्बत सीमा के पास नेपाल में लोबुचे से 93 किलोमीटर उत्तर पूर्व में स्थित था। भारतीय और यूरेशियाई टेक्टोनिक प्लेटों के टकराने के कारण भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्र में होने के कारण नेपाल में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।
भूराजनीतिक संदर्भ
हिमालय जैसे भूवैज्ञानिक रूप से सक्रिय क्षेत्र अभी भी लगातार भूकंपीय गतिविधि के खतरे में हैं। यह ताज़ा भूकंप इस बात की याद दिलाता है कि यह क्षेत्र ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रति कितना संवेदनशील है, और विनाशकारी प्रभावों को नियंत्रित करने के लिए तैयारी ही सबसे अच्छा तरीका है।
तिब्बत अभी भी बचाव और पुनर्प्राप्ति अभियानों की चपेट में है क्योंकि यहां के अधिकारी जीवन बचाने और प्रभावित क्षेत्रों में राहत प्रदान करने के लिए समय के साथ दौड़ रहे हैं।