‘जिन लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया, वे कांग्रेस को सलाह दे रहे हैं’: खड़गे

'जिन लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में हिस्सा नहीं लिया, वे कांग्रेस को सलाह दे रहे हैं': खड़गे


छवि स्रोत : पीटीआई मल्लिकार्जुन खड़गे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि संघ परिवार ने अपने फायदे के लिए अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति को बढ़ावा दिया। उन्होंने कहा कि उनके दिखाए रास्ते पर चलने के बजाय आज के शासक विभाजनकारी सोच को बढ़ावा दे रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, “विविधता में एकता हमारी ताकत है, कमजोरी नहीं। कुछ लोग प्रचार करते हैं कि हमें आसानी से आजादी मिल गई, लेकिन सच्चाई यह है कि लाखों लोगों ने बलिदान दिया, अपना घर छोड़ा और यहां तक ​​कि संपन्न परिवारों के लोगों ने भी जेलों में समय बिताया। वे नफरत फैलाने के लिए विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाते हैं। जिन लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग नहीं लिया, वे कांग्रेस पार्टी को सलाह देते हैं और बिना किसी योगदान के शहीदों में गिने जाना चाहते हैं।”

नरेंद्र मोदी सरकार देश के विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाने वालों की याद में 2021 से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मना रही है।

खड़गे ने आरोप लगाया, “यह ऐतिहासिक तथ्य है कि उनकी नफरत भरी राजनीति के कारण देश का बंटवारा हुआ। बंटवारा उन्हीं की वजह से हुआ। अपने फायदे के लिए संघ परिवार ने अंग्रेजों की फूट डालो और राज करो की नीति को बढ़ावा दिया।” सरकार के ‘हर घर तिरंगा’ अभियान पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा, “हमें खुशी है कि वे 60 साल की अपनी गलती का पश्चाताप कर रहे हैं।” खड़गे ने कहा कि जो लोग अपने कार्यालयों पर झंडा फहराने से बचते थे, वे अब ‘हर घर तिरंगा’ की बात कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, “दशकों के संघर्ष और बलिदान के बाद गुलामी की जंजीरें टूटीं और भारत स्वतंत्र हुआ…हम सभी स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करते हैं। महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, सुभाष चंद्र बोस, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद, राजेंद्र प्रसाद, सरोजिनी नायडू और उनके जैसे अनगिनत नायकों ने राष्ट्र निर्माण में ऐतिहासिक भूमिका निभाई।” खड़गे ने कहा कि देश ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान लोगों के जोश और तिरंगे की शान देखी।

खड़गे ने कहा, “देश के लोग ‘हर घर नौकरी’ और ‘हर घर न्याय’ चाहते हैं। हम सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय चाहते हैं। यह देश आर्थिक असमानता और बेरोजगारी से मुक्ति चाहता है।” उन्होंने कहा, “इन मुद्दों को अंतहीन रूप से टाला नहीं जा सकता।” उन्होंने कहा कि इन मुद्दों को संबोधित करने में जितनी देरी होगी, समस्याएं उतनी ही बढ़ेंगी। मोदी सरकार अपने ग्यारहवें वर्ष में है, लेकिन लोग अभी भी बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार से जूझ रहे हैं।



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