थरूर ने NEET PG परीक्षा पर नड्डा को लिखा पत्र, कहा ‘उम्मीदवारों को दूर-दूर तक यात्रा करनी पड़ रही है’

NEET PG 2024 Exam Shashi Tharoor Writes To JP Nadda NEET PG 2024: Shashi Tharoor Writes To Nadda, Says


कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने गुरुवार को भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर 11 अगस्त को होने वाली नीट पीजी परीक्षाओं में दूर-दराज के परीक्षा केंद्रों के मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा कि वह नड्डा का ध्यान उस “दुखद स्थिति की ओर आकर्षित करने के लिए पत्र लिख रहे हैं, जिसमें लगभग 2 लाख NEET PG 2024 अभ्यर्थी, जिनका भविष्य अधर में लटका हुआ है, खुद को पाते हैं।”

तिरुवनंतपुरम के सांसद ने कहा कि उम्मीदवारों को हजारों किलोमीटर दूर तक यात्रा करने के लिए मजबूर किया जा रहा है।

शशि थरूर ने लिखा, “ऐसा प्रतीत होता है कि अभ्यर्थियों को अभी भी लंबी दूरी की यात्रा करने के लिए बाध्य किया जा रहा है, कुछ को तो हजारों किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ रही है। वर्तमान मौसम – जिसने पूरे भारत में प्रकृति की भयावह अनिश्चितताओं को जन्म दिया है – टिकट उपलब्धता की चुनौतियां, किफायती आवास की कमी और सुरक्षा की चिंता ने इन डॉक्टरों को असहनीय स्थिति में डाल दिया है।”

सांसद ने कहा, “यदि हमें राष्ट्रीय स्तर पर परीक्षाएं करानी हैं, तो हमें प्रत्येक राज्य में पर्याप्त संख्या में परीक्षा केन्द्रों को अधिकृत करने में सक्षम होना चाहिए, विशेषकर अभ्यर्थियों की संख्या को देखते हुए, ताकि अभ्यर्थी अपने शैक्षणिक स्थान या निवास स्थान से आसानी से पहुंच योग्य केन्द्रों से परीक्षा दे सकें।”

उन्होंने दो पालियों में आयोजित परीक्षा के संबंध में भी चिंता जताई, जिसमें दोनों पालियों में दो अलग-अलग प्रश्नपत्र थे।

उन्होंने कहा, “जब तक पूरे भारत में एक ही तिथि पर एक ही परीक्षा नहीं होगी, तब तक राष्ट्रीय परीक्षा का पूरा विचार ही बेकार है। इस स्थिति को और भी बदतर बनाने वाली खबरें हैं कि जिन शहरों में परीक्षाएं आयोजित की जानी हैं, उनकी संख्या में काफी कमी कर दी गई है।”

उन्होंने जेपी नड्डा से इन मुद्दों पर गौर करने और इन्हें शीघ्र हल करने का आग्रह किया।

इस बीच, सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर नीट-पीजी परीक्षा स्थगित करने की मांग की गई है, जिसमें कहा गया है कि कई अभ्यर्थियों को ऐसे शहर आवंटित किए गए हैं, जहां पहुंचना उनके लिए बेहद असुविधाजनक है।

याचिका में कहा गया है कि परीक्षा शहरों का आवंटन 31 जुलाई को किया गया था और विशिष्ट केंद्रों की घोषणा 8 अगस्त को की जाएगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने शुक्रवार को याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति व्यक्त की।

कई अभ्यर्थियों ने सोशल मीडिया पर अपनी आपबीती सुनाई है और मानसिक उत्पीड़न के आरोप में नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE) की आलोचना की है। छात्र मांग कर रहे हैं कि परीक्षा एक ही शिफ्ट में आयोजित की जाए और परीक्षा केंद्र उनके गृह राज्यों में ही हों।

राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट)-स्नातकोत्तर परीक्षा पहले 23 जून को आयोजित होने वाली थी। कुछ प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं के मद्देनजर एहतियात के तौर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे स्थगित कर दिया था।

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