प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2.6 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी के मामले में तमिलनाडु के पल्लीपट्टू से चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने कथित तौर पर खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और एक जटिल ऑपरेशन में शामिल थे, जिसमें फर्जी कंपनियों को शामिल करना और साइबर घोटालों से प्राप्त अपराध की आय (पीओसी) को लूटने के लिए बैंक खाते खोलना शामिल था।
धोखाधड़ी की गतिविधियों की जांच के बाद इन व्यक्तियों को 13 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। ईडी ने कहा कि उनकी जांच से पता चला है कि आरोपियों ने विभिन्न साइबर घोटालों के माध्यम से प्राप्त धन की लूट को सुविधाजनक बनाने के लिए फर्जी कंपनियां स्थापित की थीं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने तमिलनाडु के पल्लीपट्टू से चार लोगों को गिरफ्तार किया है। यह मामला सीबीआई अधिकारी बनकर साइबर जालसाज द्वारा 2.6 करोड़ रुपये की साइबर धोखाधड़ी से जुड़ा है। उन्हें 13 सितंबर को गिरफ्तार किया गया। चारों आरोपी शेल कंपनियों के गठन में शामिल थे।
— एएनआई (@ANI) 14 सितंबर, 2024
बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने चार आरोपियों को चार दिनों की अवधि के लिए ईडी की हिरासत में दे दिया है, जिससे मामले में आगे की पूछताछ और जांच की अनुमति मिल सके। गिरफ्तारियों के अलावा, ईडी ने एक शेल कंपनी साइबरफॉरेस्ट टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खाते में 2.8 करोड़ रुपये फ्रीज कर दिए हैं, जिसका इस्तेमाल लॉन्ड्रिंग ऑपरेशन में किया गया था।