आबकारी नीति घोटाला मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 14 अगस्त को सुनवाई करेगा। यह सुनवाई दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के फैसले के बाद हो रही है। इसके अलावा, शीर्ष अदालत केजरीवाल की जमानत के लिए अलग से दायर याचिका पर भी विचार करेगी।
न्यायाधीशों की पीठ अध्यक्षता करेगी
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी द्वारा मामले पर तत्काल ध्यान देने के अनुरोध के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमति जताई।
उच्च न्यायालय के फैसले ने गिरफ्तारी को बरकरार रखा
5 अगस्त को दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल की गिरफ़्तारी की वैधता को बरकरार रखा और सीबीआई की कार्रवाई में दुर्भावना के दावों को खारिज कर दिया। न्यायालय ने इस बात पर ज़ोर दिया कि गवाहों पर केजरीवाल के प्रभाव के कारण उनकी गिरफ़्तारी ज़रूरी हो गई, जिसके बाद महत्वपूर्ण गवाही हुई। उच्च न्यायालय ने केजरीवाल को ट्रायल कोर्ट के ज़रिए नियमित ज़मानत लेने की सलाह दी।
मामले की पृष्ठभूमि
दिल्ली के उपराज्यपाल द्वारा जांच के आदेश के बाद 2022 में रद्द की गई आबकारी नीति विवाद के केंद्र में रही है। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों का आरोप है कि नीति के संशोधन और क्रियान्वयन के दौरान अनियमितताएं और अनुचित लाभ दिए गए। कानूनी लड़ाई में अगले कदम तय करने के लिए 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई अहम होगी।
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