सर्दियों में बढ़ जाता है जोड़ों का दर्द, जानें बचाव के टिप्स
ठंड का प्रकोप इस कदर बढ़ गया है कि इसने पहाड़ों से लेकर दिल्ली-एनसीआर तक जिंदगी की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है. पहाड़, पार्क और डल झील, सभी जम गए हैं। चप्पुओं से बर्फ तोड़कर नाव चलानी पड़ रही है और ठंड के कारण हड्डियों का पिघलना बढ़ गया है जिससे कंधे, गर्दन, रीढ़ की हड्डी और कलाइयों के जोड़ भी जाम हो रहे हैं। जोड़ों में अकड़न होने से बचाने के लिए आपको अपनी दिनचर्या में कुछ व्यायाम अवश्य करने चाहिए। लेकिन सवाल ये भी है कि सर्दियों में जोड़ों में अकड़न क्यों हो जाती है? दरअसल, गिरते तापमान में रक्तवाहिकाओं के सिकुड़ने से जोड़ों तक रक्त की आपूर्ति कम हो जाती है। नतीजा यह होता है कि दर्द और अकड़न के साथ-साथ घुटने भी जाम होने लगते हैं। ऊपर से जिन लोगों को गठिया की बीमारी है उनके लिए उठना, बैठना, चलना-फिरना किसी सजा से कम नहीं है और देश में ऐसे मरीजों की संख्या 22 करोड़ से ज्यादा है. इनमें से 15 करोड़ से ज्यादा लोग घुटनों की समस्या से पीड़ित हैं। इनमें बुजुर्गों की संख्या बेशक ज्यादा है, लेकिन 20-22 साल के युवाओं की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है।
इस ठंड में बुजुर्ग लोगों को विशेष देखभाल की जरूरत है और जो लोग अधेड़ उम्र के हैं उन्हें भी अपने जोड़ों और हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए हर संभव प्रयास शुरू कर देना चाहिए। नहीं तो आने वाले समय में उनके घुटनों पर भी खतरा बढ़ जाएगा क्योंकि अध्ययन बता रहे हैं कि अगले 25 वर्षों में 60 से अधिक लोगों की आबादी 15 करोड़ से बढ़कर 25 करोड़ हो जाएगी। देखिए, बूढ़े हों या जवान… योग हर किसी की हड्डियों के लिए वरदान है। तो आइए विश्व प्रसिद्ध योग गुरु स्वामी रामदेव से जानें बच्चों और बड़ों के जोड़ों को ठंड की मार से बचाने के उपाय।
गठिया का दर्द – भारत में
5 में से 1 को हड्डी की बीमारी बुजुर्गों के साथ-साथ युवा भी गठिया से पीड़ित हैं
गठिया के लक्षण
जोड़ों में दर्द, जोड़ों में अकड़न, घुटनों में सूजन, त्वचा का लाल होना
मोटापा कम हो जायेगा – रामबाण उपाय
केवल गर्म पानी पियें, सुबह खाली पेट नींबू पानी पियें, लौकी का सूप-जूस लें, लौकी की सब्जी खायें, अनाज और चावल कम खायें, सलाद खूब खायें, खाने के 1 घंटे बाद पानी पियें।
गठिया रोग में लाभकारी – मालिश चिकित्सा
दर्द निवारक तेल पुदीना-नारियल का तेल नीलगिरी का तेल तिल का तेल
घर पर पीडतक तेल कैसे बनाएं
अजवाइन, लहसुन, मेथी, सोंठ, हल्दी, निर्गुण्डी और पारिजात लें और इन्हें अच्छी तरह से कूटकर इनका रस निकाल लें। रस को सरसों या तिल के तेल में उबालें। इस घरेलू तेल से अपने शरीर के दर्द वाले हिस्सों की मालिश करें।
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