बहराइच में भेड़ियों के खौफ के बीच टीवी9 भारतवर्ष की टीम ने एक अहम खोज की है। पहली बार उन्हें घने जंगल में इन खतरनाक शिकारियों के अड्डे मिले हैं। सिकंदरपुर से जंगल के कई किलोमीटर अंदर पीपल के पेड़ के नीचे ये अड्डे मिले हैं।
इस खोज में हाल ही में खोदी गई एक मांद भी शामिल है, जिससे पता चलता है कि भेड़ियों ने हाल ही में इस क्षेत्र में अपना निवास बनाया है। उत्तर प्रदेश वन विभाग के प्रयासों के बावजूद, जो भेड़ियों पर नज़र रखने के लिए उन्नत कैमरों और ड्रोन का उपयोग कर रहा है, उन्हें अभी तक कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है।
TV9 भारतवर्ष की टीम ने दलदली भूमि से होते हुए जंगल में जाकर भेड़ियों की मांदों का पता लगाया। उन्होंने एक बड़े पीपल के पेड़ के नीचे भेड़ियों की दस मांदों की पहचान की, जिनमें से एक बहुत गहरी थी और हाल ही में खोदी गई थी। यह खोज क्षेत्र में भेड़ियों की हाल ही में हुई गतिविधि को दर्शाती है।
स्थानीय ग्रामीणों ने पहले भी इस स्थान पर भेड़ियों को देखे जाने की सूचना दी थी और वन विभाग को सूचित किया था। विभाग को पहले से ही भेड़ियों के मांद की मौजूदगी का संदेह था और उन्होंने पीपल के पेड़ के चारों ओर थर्मल सीसीटीवी कैमरे लगाए थे।
भेड़िये आमतौर पर दिन के समय इन मांदों में छिपे रहते हैं और शाम को शिकार के लिए निकलते हैं। इन मांदों की खोज उनके व्यवहार और स्थान को समझने में एक महत्वपूर्ण सफलता है।
इन दस मांदों के सामने आने के बाद वन विभाग ने अपनी कोशिशें तेज़ कर दी हैं। बहराइच में वन अधिकारी और पुलिस दोनों ही टीमें अब भेड़ियों के और मांदों की तलाश में सक्रिय हैं, क्योंकि इस बात की चिंता है कि घने जंगल के दूसरे हिस्सों में भी भेड़ियों के और मांद हो सकते हैं। जवाब में, विभाग ने भेड़ियों का पता लगाने और उन पर नज़र रखने में मदद के लिए शिकारियों को शामिल किया है।