आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर गति सीमा: उत्तर प्रदेश यातायात पुलिस ने तेज गति से वाहन चलाने वालों पर नकेल कसी – जुर्माने से बचें और सुरक्षित रहें!

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर गति सीमा: उत्तर प्रदेश यातायात पुलिस ने तेज गति से वाहन चलाने वालों पर नकेल कसी - जुर्माने से बचें और सुरक्षित रहें!

कार, ​​बाइक या कोई भी वाहन चलाते समय यातायात नियमों का पालन करना बहुत ज़रूरी है। इन नियमों का पालन न करने पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जुर्माना लगाया जा सकता है। कुछ चालक यह सोचकर यातायात नियमों की अनदेखी कर देते हैं कि यातायात पुलिस मौजूद नहीं है, लेकिन वे अक्सर यह भूल जाते हैं कि ये नियम उनकी सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर गति सीमा

अगर आप आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर यात्रा कर रहे हैं, तो अपनी गति पर ध्यान दें। गति सीमा से अधिक होने पर यूपी ट्रैफिक पुलिस द्वारा जुर्माना लगाया जा सकता है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में ट्रैफिक पुलिस एक्सप्रेसवे पर वाहनों की गति की सक्रियता से जांच करती दिख रही है।

एक्सप्रेसवे पर जुर्माना कैसे लगाया जाता है?

एक्सप्रेसवे पर अधिकतम गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा (किमी/घंटा) निर्धारित की गई है। इस सीमा से अधिक गति करने वाले वाहनों पर यातायात पुलिस द्वारा जुर्माना लगाया जा सकता है। हल्के वाहनों के लिए, ओवरस्पीडिंग का जुर्माना ₹2,000 है। इसके विपरीत, भारी वाहनों की गति सीमा 60 किमी/घंटा है, और इस सीमा से अधिक होने पर ₹4,000 का जुर्माना लगता है।

यातायात कानून की पृष्ठभूमि

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे 302 किलोमीटर लंबा है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) द्वारा 2019 में जारी किए गए बिल के अनुसार, अगर कोई वाहन तीन घंटे से कम समय में इस एक्सप्रेसवे से बाहर निकलता है, तो उस पर जुर्माना लगाया जा सकता है, क्योंकि कारों की गति सीमा 100 किमी/घंटा है।

यह नियम 2019 में हुई एक दुखद घटना के तुरंत बाद लागू किया गया था, जिसमें 60 यात्रियों को ले जा रही एक निजी बस तेज गति से चलते हुए एक ट्रक से टकरा गई थी। इस दुर्घटना में दो बच्चों और एक महिला सहित सात लोगों की मौत हो गई थी।

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर यातायात नियमों का पालन बढ़ा दिया गया है, जिससे सभी वाहन चालकों को सुरक्षा को प्राथमिकता देने और गति सीमा का पालन करने की याद दिलाई जा रही है, ताकि जुर्माने से बचा जा सके और वे स्वयं तथा सड़क पर अन्य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकें।

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