बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार (5 अगस्त) को अपने इस्तीफे की मांग को लेकर जारी हिंसक प्रदर्शनों के बीच ढाका छोड़ दिया और सुरक्षित स्थान पर चली गईं। स्थानीय मीडिया ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री के महल पर धावा बोल दिया।
यह झड़प रविवार सुबह उस समय शुरू हुई जब नौकरी में कोटा प्रणाली को लेकर हसीना के इस्तीफे की एक सूत्री मांग को लेकर स्टूडेंट्स अगेंस्ट डिस्क्रिमिनेशन के बैनर तले असहयोग कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रदर्शनकारियों को सत्तारूढ़ अवामी लीग, छात्र लीग और जुबो लीग के कार्यकर्ताओं के विरोध का सामना करना पड़ा।
बंगाली भाषा के प्रमुख अख़बार प्रोथोम अलो की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार को हुई झड़पों में 14 पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 101 लोग मारे गए। हिंसा के कारण अधिकारियों को मोबाइल इंटरनेट बंद करना पड़ा और अनिश्चित काल के लिए पूरे देश में कर्फ्यू लगाना पड़ा।
डेली स्टार समाचार पत्र के अनुसार, जत्राबाड़ी और ढाका मेडिकल कॉलेज क्षेत्रों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों में कम से कम छह लोग मारे गए।
विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के कुछ छात्र ‘ढाका मार्च’ कार्यक्रम में भाग लेने के लिए सुबह 10 बजे से पहले और बाद में ढाका सेंट्रल शहीद मीनार पर एकत्र हुए, जिसके कारण पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े।