वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली के अपोलो अस्पताल में फिर भर्ती

वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी दिल्ली के अपोलो अस्पताल में फिर भर्ती


छवि स्रोत : पीटीआई/फाइल फोटो पूर्व उप प्रधानमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर हैं।

96 वर्षीय वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को मंगलवार को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में फिर से भर्ती कराया गया। सूत्रों के अनुसार आडवाणी की हालत स्थिर है और उन्हें विशेष रूप से न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनीत सूरी की देखरेख में रखा गया है।

लालकृष्ण आडवाणी कौन हैं?

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा

8 नवंबर, 1927 को कराची (अब पाकिस्तान) में जन्मे लाल कृष्ण आडवाणी एक प्रमुख भारतीय राजनीतिज्ञ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संस्थापक सदस्य हैं। हैदराबाद के डीजी नेशनल कॉलेज से स्नातक करने के बाद, आडवाणी ने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से कानून की पढ़ाई की। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से की और बाद में 1951 में आरएसएस की राजनीतिक शाखा भारतीय जनसंघ (बीजेएस) में शामिल हो गए।

राजनीतिक कैरियर और योगदान

1970 में आडवाणी राज्य सभा के सदस्य बने और 1989 तक इस पद पर रहे। 1973 में वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष चुने गए और 1977 तक इस पद पर रहे। मोरारजी देसाई के नेतृत्व वाली जनता पार्टी सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान आडवाणी ने प्रेस सेंसरशिप को समाप्त कर दिया और प्रतिबंधात्मक मीडिया कानूनों को निरस्त कर दिया।

1980 में आडवाणी और अटल बिहारी वाजपेयी ने भाजपा की स्थापना की। आडवाणी की राजनीतिक यात्राएँ या रथ यात्राएँ भाजपा को लोकप्रिय बनाने में सहायक रहीं, जिसके कारण 1998 और 1999 में भाजपा को महत्वपूर्ण चुनावी सफलताएँ मिलीं। आडवाणी 1998 में गांधीनगर, गुजरात का प्रतिनिधित्व करते हुए लोकसभा के लिए चुने गए।

सरकार और विपक्ष में भूमिका

आडवाणी दो बार (1998 और 1999) केंद्रीय गृह मंत्री रहे और 2002 में उन्हें उप प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया। 2004 के आम चुनावों में भाजपा की हार के बाद, वे विपक्ष के नेता बन गए। 2009 के चुनावों में आडवाणी भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे। पार्टी की हार के बाद उन्होंने अपने कैबिनेट पद से इस्तीफा दे दिया और 2019 में लोकसभा के लिए उम्मीदवार के रूप में सूचीबद्ध नहीं थे, जो सक्रिय राजनीति से उनके प्रस्थान का संकेत था।

हाल ही में मिले सम्मान

3 फरवरी, 2024 को आडवाणी को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय राजनीति में उनके योगदान को मान्यता दी। मोदी ने इस सम्मान को “बहुत भावुक क्षण” बताया और आडवाणी से सीखने के अवसर के लिए आभार व्यक्त किया।

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