संजौली मस्जिद विवाद: हिंदू समूहों ने बड़े विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई, धारा 163 लागू, 1000 से अधिक पुलिस कर्मी तैनात

संजौली मस्जिद विवाद: हिंदू समूहों ने बड़े विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई, धारा 163 लागू, 1000 से अधिक पुलिस कर्मी तैनात

संजौली मस्जिद विवाद: शिमला में विवादास्पद संजौली मस्जिद विवाद लगातार विभाजन पैदा कर रहा है, और अब इस मामले की सुनवाई 5 अक्टूबर को होगी। स्थानीय अधिकारियों ने शांति भंग होने से बचने के लिए इलाके में कड़ा नियंत्रण बनाए रखा है।

संजौली में सभाओं पर प्रतिबंध

बुधवार सुबह से ही संजौली इलाके में धारा 163 लागू कर दी गई है, जिसके तहत पांच या उससे अधिक लोगों के एक साथ इकट्ठा होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इस प्रावधान के तहत हिंदू संगठनों द्वारा घोषित किसी भी तरह के विरोध और प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। एडिशनल एसपी अतुल फुलजेले ने कहा, “क्षेत्र में शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए धारा 163 लगाई गई है, जो सांप्रदायिक तनाव का केंद्र रहा है।”

शिमला के पुलिस अधीक्षक ने कहा, “हमने बीएनएसएस 163 के तहत प्रक्रियाओं को लागू किया है। सब कुछ सामान्य है और लोग अपने स्कूल और दफ्तर जा रहे हैं। एहतियात के तौर पर पुलिस तैनात की गई है। हम ड्रोन से भी निगरानी कर रहे हैं। अगर कोई कानून का उल्लंघन करता है, तो हम ऐसे लोगों के खिलाफ सबूत जुटाएंगे। हिमाचल के लोग शांतिप्रिय हैं। इसलिए अगर लोग इकट्ठा भी होते हैं, तो यह शांतिपूर्ण विरोध होगा।”

भारी पुलिस बल की मौजूदगी के बावजूद शिमला में तनाव

हालांकि, भारी पुलिस बल की तैनाती और 144 सीआरपीसी लागू होने के बावजूद शिमला में तनाव बना हुआ है। शिमला में स्थिति तब और बिगड़ गई जब शिमला शहरी विधायक हरीश जनार्दन ने सदन में चर्चा के दौरान कानून-व्यवस्था की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने सरकार से संजौली मस्जिद विवाद से संबंधित किसी भी आंदोलन में शांति बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने सरकार के व्यवहार की भी आलोचना की और अवैध निर्माणों पर कार्रवाई के लिए सरकार से सख्त रुख अपनाने की मांग की।

जनार्दन की भावनाओं को जयराम ठाकुर ने दोहराया और इस मुद्दे पर जनता की भावनाओं का जिक्र किया। ठाकुर ने दिखाया कि विवाद कांग्रेस हाईकमान तक पहुंच चुका है और सरकार के जवाब से असंतुष्टि जाहिर की। उन्होंने अवैध निर्माणों को गिराने की मांग की, जो विवाद का केंद्र बन गए हैं।

अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि कानूनी ढांचे के भीतर कार्रवाई की जाएगी

राज्य सरकार में मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने इस चिंता पर जोर देते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में जो भी कार्रवाई की जानी है, वह कानून की चारदीवारी के भीतर की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह मामला केवल एक इमारत से जुड़ा नहीं है, बल्कि राज्य में अवैध निर्माण की बड़ी समस्या का हिस्सा है। उन्होंने नगर निगम न्यायालय में लंबित संजौली मस्जिद के संवेदनशील मामले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जल्द ही कानूनी प्रक्रिया से गुजरने के बाद इस पर फैसला लिया जाएगा।

सिंह ने कहा कि विवाद मूल रूप से स्ट्रीट वेंडर्स पर विवाद को लेकर शुरू हुआ था। इस मुद्दे पर कई संगठनों और पार्षदों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की और राज्य की स्ट्रीट वेंडर नीति में संशोधन की मांग की। आखिरकार, राज्य सरकार ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए एक उप-समिति का गठन किया, जिसमें शिमला में काम करने वाले राज्य के बाहर के लोगों का सत्यापन सुनिश्चित किया गया।

फिलहाल शिमला में संजौली मस्जिद से जुड़ा विवाद बहुत बड़ा और संवेदनशील है। इस मामले में अक्टूबर में सुनवाई शुरू होने की संभावना है और सरकार तथा जनता के बीच तनाव कम करने के लिए समाधान की उम्मीद है। लेकिन सरकार की ओर से यह कहना कि वह कानून और व्यवस्था को कानून की उचित प्रक्रियाओं से समझौता किए बिना बरकरार रखेगी, यह दर्शाता है कि कोई भी विकास नियम पुस्तिका के अनुसार ही होगा।

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