रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने एक बार फिर मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और प्रमुख परिचालन मील के पत्थर हासिल करके बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में अपने नेतृत्व का प्रदर्शन किया है। वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे के विकास के लिए इसके लचीलेपन, अभिनव दृष्टिकोण और प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जैसे-जैसे आरवीएनएल अपनी भौगोलिक उपस्थिति का विस्तार करना जारी रखता है और घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को आगे बढ़ाता है, इसने हितधारकों का विश्वास अर्जित किया है और भारत के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत किया है।
आरवीएनएल की वित्त वर्ष 2023-24 वार्षिक रिपोर्ट की मुख्य विशेषताएं:
वित्तीय प्रदर्शन: कारोबार: ₹21,732.58 करोड़, पिछले वर्ष के ₹20,281.57 करोड़ से 7.15% अधिक। कर से पहले लाभ (PBT): ₹1,939.40 करोड़, 17.94% की वृद्धि। कर के बाद लाभ (PAT): ₹1,462.95 करोड़, 15.38% की वृद्धि को दर्शाता है। नेट वर्थ: ₹7,867.28 करोड़, 21.42% की वृद्धि। रिजर्व और अधिशेष: ₹5,782.26 करोड़, 31.59% की वृद्धि। लाभांश: बोर्ड ने ₹439.94 करोड़ के अंतिम लाभांश की सिफारिश की, जो पूरी तरह से भुगतान किए गए इक्विटी शेयर पर ₹2.11 के बराबर है। परिचालन संबंधी मुख्य विशेषताएं: पूर्ण हो चुकी परियोजनाएं: 578.73 किमी, जिसमें नई लाइनें, दोहरीकरण, गेज परिवर्तन, मेट्रो परियोजनाएं और रेलवे विद्युतीकरण शामिल हैं। उल्लेखनीय परियोजनाएं: बांसपानी-दैतारी-टोमका-जखापुरा दोहरीकरण (180 किमी)। हैदराबाद-सिकंदराबाद मल्टी-मॉडल परिवहन प्रणाली। वित्त वर्ष 2023-24 में 810.70 किमी विद्युतीकृत खंड चालू किए जाएंगे। मानव संसाधन पहल: सफल पदोन्नति और ग्रेच्युटी ट्रस्ट की स्थापना। कर्मचारी संतुष्टि सर्वेक्षण आयोजित किया गया, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए। पुरस्कार और मान्यता: आरवीएनएल को मई 2023 में प्रतिष्ठित नवरत्न का दर्जा प्राप्त हुआ। बुनियादी ढांचे में उत्कृष्टता के लिए स्कॉच गोल्ड अवार्ड और डन एंड ब्रैडस्ट्रीट पीएसयू अवार्ड सहित कई पुरस्कार।
निष्कर्ष:
आरवीएनएल ने बुनियादी ढांचे की उत्कृष्टता की अपनी यात्रा जारी रखी है, इसलिए कंपनी भविष्य में और भी बड़ी सफलता के लिए तैयार है। अपनी मजबूत वित्तीय स्थिति, परिचालन दक्षता और सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता के साथ, आरवीएनएल भारतीय और वैश्विक बुनियादी ढांचे के क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित है। नवरत्न का दर्जा मिलने से आरवीएनएल को और अधिक महत्वाकांक्षी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने का अधिकार मिलता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि यह भारत की विकास कहानी में सबसे आगे रहे।
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