रूस ने 28 नवंबर की सुबह सर्दियों के करीब आते ही देश के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को निशाना बनाते हुए यूक्रेन के खिलाफ बड़े पैमाने पर मिसाइल और ड्रोन हमला किया। वायु सेना ने देशव्यापी हवाई अलर्ट जारी किया, जिसमें बताया गया कि सात टीयू-95 रणनीतिक हमलावरों ने हमला किया था। खार्किव, ओडेसा, लुत्स्क और रिव्ने सहित कई शहरों में विस्फोटों की सूचना मिली।
ऊर्जा अवसंरचना पर प्रभाव:
यूक्रेन के ऊर्जा मंत्री हरमन हलुशचेंको ने पुष्टि की कि हमलों से पावर ग्रिड को काफी नुकसान हुआ है। राज्य ग्रिड ऑपरेटर, उक्रेनर्गो ने ऊर्जा प्रणाली को और अधिक क्षति से बचाने के लिए कई क्षेत्रों में आपातकालीन ब्लैकआउट लागू किया। यह हमला उन हमलों की शृंखला में शामिल हो गया है जो यूक्रेन के तीसरे शीतकालीन युद्ध में प्रवेश करने के साथ ही तेज हो गए हैं।
व्यापक ख़तरा:
राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने हाल ही में 800 से अधिक केएबी-निर्देशित हवाई बम, लगभग 460 हमलावर ड्रोन और पिछले सप्ताह लॉन्च की गई 20 से अधिक मिसाइलों का हवाला देते हुए रूस के बढ़ते हवाई अभियान पर प्रकाश डाला। इसके साथ ही, यूक्रेन को रूस की नई मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल, “ओरेश्निक” से भी ख़तरा है, जिसका इस्तेमाल हाल ही में 21 नवंबर को डीनिप्रो पर हुए हमले में किया गया था।
नाटो और पश्चिमी प्रतिक्रिया:
हमले के कारण 26 नवंबर को नाटो-यूक्रेन परिषद की एक आपातकालीन बैठक हुई, जिसमें पश्चिमी सहयोगियों से उन्नत वायु रक्षा प्रणालियों की तात्कालिकता पर जोर दिया गया। यूक्रेन ने अपने बुनियादी ढांचे पर रूस के बढ़ते परिष्कृत हमलों का मुकाबला करने के लिए लगातार अधिक सैन्य समर्थन की अपील की है।
आक्रामकता की यह नवीनतम लहर चल रहे संघर्ष में एक और अध्याय का प्रतीक है, जिसका यूक्रेन की ऊर्जा सुरक्षा और व्यापक भू-राजनीतिक परिदृश्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव है।