राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। भागवत ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा का मुद्दा उठाया।
आरएसएस प्रमुख ने कहा, “पड़ोसी देश में बहुत अशांति है। वहां रहने वाले हिंदू भाइयों को बिना किसी गलती के भी गर्मी सहनी पड़ रही है। भारत पर न केवल अपनी रक्षा करने और स्वतंत्र रहने की जिम्मेदारी है, बल्कि दुनिया के हित के लिए खुद को समायोजित करना भी हमारी परंपरा रही है। पिछले कुछ वर्षों में, आपने देखा होगा कि हमने किसी पर हमला नहीं किया। जब भी कोई संकट में था, हमने उनकी मदद की।”
उन्होंने कहा, “हमने आजादी के 78 साल पूरे कर लिए हैं। हमें आजादी अनगिनत लोगों के बलिदान के बाद ही मिली, जिन्होंने आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और देश में उनके पीछे खड़ा समाज बना। हमारी आजादी के लिए लड़ने वाली पीढ़ी अब नहीं रही, लेकिन आने वाली पीढ़ियों को इसकी रक्षा करनी होगी।”
78वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित इस कार्यक्रम में आरएसएस के स्वयंसेवक और प्रचारक भी मौजूद थे। शहर के महल इलाके में कड़ी सुरक्षा के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले नागपुर के रेशिमबाग क्षेत्र में डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति में आरएसएस द्वारा आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
इस बीच, आरएसएस के स्वयंसेवक शाम को शहर के विभिन्न हिस्सों में पथ संचलन (मार्च पास्ट) निकालने वाले हैं।
इससे पहले सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस समारोह का नेतृत्व किया। उन्होंने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’, समान नागरिक संहिता और किसानों और महिलाओं के सशक्तिकरण की जोरदार वकालत की, साथ ही लोगों से 1947 तक देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करने का आग्रह किया।
(पीटीआई इनपुट्स के साथ)
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