कलकत्ता उच्च न्यायालय के अनुकूल फैसले के बाद रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) से ₹950 करोड़ मिलने की उम्मीद है। अदालत ने अपनी खंडपीठ के माध्यम से डीवीसी की अपील को खारिज करते हुए डीवीसी के खिलाफ मध्यस्थता पुरस्कार को बरकरार रखा।
मुख्य विशेषताएं:
मध्यस्थता जीत: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के पक्ष में ₹950 करोड़ के मध्यस्थता पुरस्कार को बरकरार रखा है। डीवीसी की अपील खारिज: डीवीसी की अपील को कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने फैसले की पुष्टि करते हुए खारिज कर दिया। फंड जारी करना: ₹950 करोड़ के साथ-साथ, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को चार सप्ताह के भीतर ₹600 करोड़ की बैंक गारंटी भी जारी होने की उम्मीद है।
यह निर्णय रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ का प्रतीक है, क्योंकि यह न केवल पर्याप्त भुगतान सुनिश्चित करता है बल्कि बैंक गारंटी के माध्यम से पहले से अवरुद्ध धनराशि को भी मुक्त करता है। यह फैसला कंपनी की स्थिति को मजबूत करता है और उसकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करता है।
अस्वीकरण: प्रदान की गई जानकारी केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे वित्तीय या निवेश सलाह नहीं माना जाना चाहिए। शेयर बाज़ार में निवेश बाज़ार जोखिमों के अधीन हैं। निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा अपना स्वयं का शोध करें या किसी वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें। इस जानकारी के उपयोग से होने वाले किसी भी नुकसान के लिए लेखक या बिजनेस अपटर्न उत्तरदायी नहीं है।
आदित्य एक बहुमुखी लेखक और पत्रकार हैं, जिनके पास खेल के प्रति जुनून है और व्यापार, राजनीति, तकनीक, स्वास्थ्य और बाजार में व्यापक अनुभव है। एक अद्वितीय दृष्टिकोण के साथ, वह आकर्षक कहानी कहने के माध्यम से पाठकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं।
पूछताछ के लिए आदित्य से adityabhoghandani16@gmail.com पर संपर्क करें