राजस्थान पुलिस ने Q-NET विहान कंपनी पर छापा मारा, धोखाधड़ी के आरोप में 17 प्रतिनिधियों को गिरफ्तार किया

राजस्थान पुलिस ने Q-NET विहान कंपनी पर छापा मारा, धोखाधड़ी के आरोप में 17 प्रतिनिधियों को गिरफ्तार किया

राजस्थान पुलिस ने क्यू-नेट विहान कंपनी पर छापा मारा: एक बड़ी कार्रवाई में, राजस्थान पुलिस ने हांगकांग स्थित प्रतिबंधित क्यू-नेट विहान कंपनी पर छापा मारा क्यू-नेट विहान कंपनीजो एक मल्टी-लेवल मार्केटिंग (एमएलएम) घोटाले के रूप में संचालित होता है। पुलिस ने धोखाधड़ी में शामिल 17 प्रतिनिधियों को गिरफ्तार किया, जो लोगों को पिरामिड योजना के माध्यम से त्वरित धन का वादा करके निशाना बनाते थे। कंपनी ने संदिग्ध लोगों को लुभाने के लिए एक श्रृंखला प्रणाली का इस्तेमाल किया, उन्हें बढ़ी हुई कीमतों पर उत्पाद खरीदने और मनी सर्कुलेशन की आड़ में भारतीय मुद्रा को विदेश भेजने के लिए राजी किया।

छापेमारी के दौरान, पुलिस ने मर्सिडीज और एमजी हेक्टर सहित तीन लक्जरी कारों के साथ-साथ दो लैपटॉप, एक आईपैड, 20 मोबाइल फोन और विभिन्न बैंकों के कई डेबिट और क्रेडिट कार्ड जब्त किए। पुलिस ने ऐसे दस्तावेज़, डायरियाँ और किताबें भी बरामद कीं जिनका इस्तेमाल घोटालेबाजों ने अपने पीड़ितों को यह विश्वास दिलाने के लिए किया था कि वे एक शानदार जीवन जी सकते हैं।

कपटपूर्ण योजना और उसका प्रभाव

क्यू-नेट विहान कंपनी ने लोगों को निवेश योजनाओं के जरिए करोड़पति बनने का झूठा वादा कर उनका शोषण किया। उन्होंने लोगों से, विशेष रूप से कामकाजी पेशेवरों को लक्षित करते हुए, ₹50,000 से ₹2 लाख तक की प्रोसेसिंग फीस ली। सोशल मीडिया पर विलासितापूर्ण जीवन शैली के वीडियो दिखाकर कंपनी ने लोगों को अपनी पिरामिड योजना में शामिल होने के लिए गुमराह किया और बदले में उन्हें भारी कमीशन की पेशकश की।

यह घोटाला तब सामने आया जब कई पीड़ितों ने विद्याधर नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। इन शिकायतों के बाद पुलिस ने कंपनी के क्षेत्रीय कार्यालयों पर छापा मारा और धोखाधड़ी में शामिल 17 एजेंटों को गिरफ्तार कर लिया।

धोखाधड़ी गिरोह के नेता और पुलिस जांच

धोखाधड़ी गिरोह के नेता विनोद सरन की पहचान उसके सहयोगियों प्रेमानंद सांगवान और अमोल शिवाजी के साथ जयपुर में योजना के पीछे के मास्टरमाइंड के रूप में की गई थी। वे हरियाणा, महाराष्ट्र और राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों में लोगों को धोखा देने के लिए मिलकर काम कर रहे थे।

पुलिस अब गिरफ्तार संदिग्धों से पूछताछ कर रही है, और भी खुलासे होने की उम्मीद है, क्योंकि इस घोटाले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं। चल रही जांच का उद्देश्य धोखाधड़ी की पूरी सीमा और इसके पीछे के नेटवर्क को उजागर करना है।

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