राजस्थान पालनहार योजना 2024: राजस्थान सरकार की पालनहार योजना: अनाथ बच्चों के लिए सहायता

राजस्थान पालनहार योजना 2024: राजस्थान सरकार की पालनहार योजना: अनाथ बच्चों के लिए सहायता

राजस्थान पालनहार योजना 2024: राजस्थान सरकार की पालनहार योजना का उद्देश्य राज्य में अनाथ बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ जीवन प्रदान करना है। इस योजना के तहत, जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खो दिया है, उन्हें सरकार से परिवार जैसे माहौल में देखभाल और सहायता मिलेगी, जिसमें शिक्षा, भोजन, कपड़े और अन्य आवश्यक सुविधाएँ शामिल हैं।

पालनहार योजना 2024 की मुख्य विशेषताएं:

वित्तीय सहायता: 5 वर्ष की आयु तक के बच्चों को ₹750 प्रति माह (पहले ₹500) मिलेंगे। 6 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को ₹1,500 प्रति माह (पहले ₹1,000) मिलेंगे। अतिरिक्त सहायता: सरकार बच्चों के लिए कपड़े, स्वेटर, जूते और अन्य आवश्यक वस्तुओं की लागत को कवर करने के लिए ₹2,000 की अतिरिक्त वार्षिक राशि प्रदान करती है। हालिया अपडेट: 2023-24 में, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस योजना के तहत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता में वृद्धि को मंजूरी दी। प्रभाव: पालनहार योजना से राज्य में 6.5 लाख से अधिक अनाथ बच्चों को लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे उन्हें पारिवारिक माहौल में आवश्यक देखभाल प्राप्त करते हुए अधिक सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलेगी।

आवेदन प्रक्रिया:

इस योजना का प्रबंधन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा किया जाता है और इच्छुक व्यक्ति आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।

राजस्थान पालनहार योजना का उद्देश्य अनाथ बच्चों का कल्याण सुनिश्चित करके उनका उत्थान करना तथा उन्हें बेहतर भविष्य के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना है।

राजस्थान पालनहार योजना राज्य सरकार द्वारा अनाथ और कमज़ोर बच्चों के लिए सुरक्षित और पोषण वाला वातावरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल है। उनके पालन-पोषण और शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करके, यह योजना उन बच्चों की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है जिनके पास अन्यथा एक स्थिर पारिवारिक संरचना नहीं है। इस योजना के माध्यम से इन बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता न केवल उनकी बुनियादी ज़रूरतों को पूरा करती है बल्कि उनके समग्र विकास में भी योगदान देती है, जिससे वे सम्मान और अवसर का जीवन जी सकें।

देखते रहिए हमारा यूट्यूब चैनल ‘डीएनपी इंडिया’. कृपया हमें सब्सक्राइब करें और फॉलो करें फेसबुक, Instagramऔर ट्विटर

Exit mobile version