दतिया दीवार ढहना: मध्य प्रदेश के दतिया में ऐतिहासिक राजगढ़ महल की जर्जर दीवार गिरने से नौ लोग मलबे में दब गए। लंबे बचाव अभियान के बाद दो लोगों को बचाया जा सका, जबकि सात लोगों की जान चली गई। मृतकों में कम से कम तीन बच्चे शामिल हैं। सभी शव बरामद कर लिए गए हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, यह दीवार करीब 400 साल पुरानी है, जो भारी बारिश के कारण अचानक ढह गई।
दीवार गिरने से तीन परिवारों के नौ सदस्य मलबे में दब गए। सूचना मिलने पर राज्य आपदा राहत बल की टीम मौके पर पहुंची और सुबह राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। टीम दो लोगों को बचाने में सफल रही, लेकिन बाकी लोगों को नहीं बचाया जा सका।
कलेक्टर संदीप माकिन और पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र कुमार मिश्रा एसडीआरएफ टीम के साथ मौके पर मौजूद थे।
दतिया में गिरजाघर की दीवार, 9 दबे, 2 की मौत, रिक्वेस्ट जारी
– वॉल में दबे 3 परिवार के सदस्य pic.twitter.com/IV6mpMIg5I— नितिनठाकुर (एबीपी न्यूज़) (@Nitinreporter5) 12 सितंबर, 2024
घटना पर दुख व्यक्त करते हुए मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने प्रत्येक पीड़ित के परिजनों को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है।
दतिया में राजगढ़ किले की पुरानी दीवार ढहने से कई अनमोल जिंदगियों की मौत का समाचार बेहद दुखद है। दुःख की इस घड़ी में हम सभी शोककुल परिवार के साथ हैं।
घटना की सूचना एसडीईआरएफ और जिला प्रशासन की टीम द्वारा इवेंट ऑपरेशन शुरू किया गया था, लेकिन…
– डॉ. मोहन यादव (@DrMohanYadav51) 12 सितंबर, 2024
पीड़ित कौन थे?
सुबह करीब चार बजे दीवार गिरने से तीन परिवारों के लोग उसके नीचे फंस गए।
इनमें 55 वर्षीय निरंजन वंशकार, उनकी पत्नी ममता निरंजन, उनकी बेटी राधा और बेटे सूरज और शिवम शामिल हैं। किशन के परिवार से उनके पिता पन्नालाल और पत्नी प्रभा भी दीवार के मलबे में फंसे हुए हैं। अन्य लोगों में मुन्ना वंशकार और उनके बेटे आकाश वंशकार शामिल हैं जिन्हें एसडीआरएफ की टीम ने बचा लिया और अस्पताल ले जाया गया जहां उनका इलाज चल रहा है।
मध्य प्रदेश सरकार की वेबसाइट के अनुसार, दतिया स्थित राजगढ़ पैलेस का निर्माण 17वीं शताब्दी में तत्कालीन राजा राव सुभा करण ने करवाया था।
इस लेख के लिखे जाने के समय दतिया में पिछले 30 घंटों से बारिश हो रही थी। लगातार बारिश के कारण पुरानी दीवार कमजोर हो गई होगी और अंततः वह गिर गई।