राहुल गांधी अमेरिका में
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे पर वर्जीनिया में आरएसएस की आलोचना की और संगठन पर भारत को न समझने का आरोप लगाया। दिल्ली लौटने से पहले राहुल गांधी दो दिन वाशिंगटन में रहेंगे। उन्होंने अमेरिका में रह रहे भारतीय प्रवासियों को दो देशों के बीच ‘महत्वपूर्ण पुल’ बताया।
प्रतिष्ठित जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में छात्रों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा, “आरएसएस कहता है कि कुछ राज्य अन्य राज्यों से हीन हैं। कुछ भाषाएं अन्य भाषाओं से हीन हैं, कुछ धर्म अन्य धर्मों से हीन हैं और कुछ समुदाय अन्य समुदायों से हीन हैं… हर राज्य का अपना इतिहास, परंपरा है…आरएसएस की विचारधारा तमिल, मराठी, बंगाली, मणिपुरी है, ये हीन भाषाएं हैं… इसी बात को लेकर लड़ाई है…ये लोग (आरएसएस) भारत को नहीं समझते…”
उन्होंने कहा, “लड़ाई (भारत में) इस बात को लेकर है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी पहनने की इजाजत दी जाएगी…क्या एक सिख को भारत में कड़ा पहनने की इजाजत दी जाएगी या वह गुरुद्वारा जा सकेगा…लड़ाई इसी बात को लेकर है और यह सिर्फ सिखों के लिए नहीं है, यह सभी धर्मों के लिए है…”
विपक्ष के नेता ने भाजपा की भी आलोचना की और कहा, “…भाजपा यह नहीं समझती कि यह देश सबका है…भारत एक संघ है। संविधान में यह स्पष्ट रूप से लिखा है…भारत जो कि भारत है, एक संघ राज्य है, इतिहास, परंपरा संगीत और नृत्य…वे (भाजपा) कहते हैं कि यह एक संघ नहीं है, यह अलग है…”
आरक्षण पर
गांधी ने यहां विश्वविद्यालय में छात्रों से आरक्षण और यह कब तक जारी रहेगा, इस पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, “जब भारत एक निष्पक्ष जगह होगा, तब हम आरक्षण खत्म करने के बारे में सोचेंगे। और भारत एक निष्पक्ष जगह नहीं है।” “यही समस्या है। अब, यह (आरक्षण) एकमात्र साधन नहीं है। अन्य साधन भी हैं,” उन्होंने कहा।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि भारतीय गठबंधन के सदस्यों में मतभेद थे, लेकिन वे कई बातों पर सहमत थे। “हम इस बात पर सहमत हैं कि भारत के संविधान की रक्षा की जानी चाहिए। हममें से ज़्यादातर जाति जनगणना के विचार पर सहमत हैं।”