नवादा न्यूज़: बिहार के नवादा के देदूर पंचायत में दलित बस्ती कृष्णा नगर में भीषण आग लग गई। गुरुवार की सुबह हुई इस घटना ने ग्रामीणों को बहुत सावधानी से जीवन जीने पर मजबूर कर दिया है, जबकि समुदाय सदमे और डर में है। आग के बाद का नजारा भयावह था, घरों और मवेशियों के जले हुए अवशेष विनाश की भयावह तस्वीर पेश कर रहे थे। इस आग ने दो दर्जन से अधिक मवेशियों को अपनी चपेट में ले लिया और 80 से अधिक परिवारों के घर पूरी तरह जलकर खाक हो गए, जिससे निवासियों में भय और निराशा की स्थिति पैदा हो गई।
ज़मीन पर अधिकारी
80 से अधिक परिवारों के परिवारों को नष्ट कर बिहार में बहुजनों के खिलाफ अन्याय की डरावनी तस्वीर सामने लायी जा रही है।
अपना-संपत्ति खो दिया इन दलित परिवार की चित्कार और भयंकर फिल्मांकन की गूंज से विपक्ष समाज में मचा आतंक भी बिहार की…
– राहुल गांधी (@RahulGandhi) 19 सितंबर, 2024
पुलिस और अधिकारी लगातार गांव में रहकर नुकसान का आकलन कर रहे हैं और घटना के जवाब में राहत उपायों पर काम कर रहे हैं। आग के कारणों के बारे में शुरुआती जांच में पता चला कि आग जानबूझकर लगाई गई थी, जबकि आरोप पड़ोसी गांव के एक समूह पर लगे थे। इस प्रकार, 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और इलाके से एक खोखा बरामद किया गया है। तलाशी ली जा रही है और पीड़ितों को अस्थायी भोजन और आश्रय प्रदान किया जा रहा है जिनके घरों और सामानों में आग लगी थी।
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया
इस घटना में राजनीतिक नेताओं को भी घसीटा गया और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर इस घटना पर अपना गुस्सा और दुख व्यक्त किया। राहुल गांधी ने कहा कि आग में घर गंवाने वाले महादलित परिवार बुरी तरह से पीड़ित हैं क्योंकि बिहार सरकार का प्रशासन समय पर कार्रवाई करने में विफल रहा। राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि भाजपा और एनडीए गठबंधन के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ऐसी स्थिति पैदा करती है जिसके तहत दलितों और अन्य वंचित वर्गों पर हमला होता है।
राहुल गांधी ने लिखा, “नवादा में महादलितों की पूरी बस्ती जला देना और 80 से ज़्यादा परिवारों के घर तबाह कर देना बिहार में बहुजनों के साथ हो रहे अन्याय की भयावह तस्वीर को उजागर कर रहा है। घर-बार और संपत्ति खो चुके इन दलित परिवारों की चीखें और भीषण गोलीबारी की गूंज से वंचित समाज में पैदा हुआ आतंक बिहार की सोई हुई सरकार को जगाने में कामयाब नहीं हो सका।”
उन्होंने आगे कहा, “ऐसे अराजक तत्व भाजपा और एनडीए सहयोगियों के नेतृत्व में पनाह पाते हैं – वे भारत के बहुजनों को डराते-धमकाते हैं और दबाते हैं, ताकि वे अपने सामाजिक और संवैधानिक अधिकारों की मांग भी न कर सकें। और, प्रधानमंत्री की चुप्पी इस बड़ी साजिश पर मुहर है। बिहार सरकार और राज्य पुलिस को इस शर्मनाक अपराध के सभी दोषियों के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए, और पीड़ित परिवारों का पुनर्वास करके उन्हें पूरा न्याय दिलाना चाहिए।”
भूमि विवाद और जारी तनाव
बताया जा रहा है कि आग लगने का मामला जमीन के एक हिस्से को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद से जुड़ा है। कृष्णा नगर में दलित परिवार कई सालों से सरकारी जमीन पर रह रहे थे, लेकिन मुनि पासवान के नेतृत्व वाला पड़ोसी गांव जमीन पर मालिकाना हक जता रहा है। जमीन का विवाद काफी समय से कोर्ट में चल रहा है और इलाके में तनाव की स्थिति बनी हुई है। गोलीबारी की खबरों सहित हिंसक घटना ने इस स्थिति को और भड़का दिया।
जिलाधिकारी आशुतोष कुमार वर्मा ने बताया कि आग में 21 घर जल गए हैं और पुलिस अधीक्षक अभिनव धीमान ने बताया कि प्रारंभिक जांच के दौरान 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दोनों पक्षों के अधिकारियों का दावा है कि सरकार नियंत्रण में है और अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी।
सरकारी कार्रवाई
राजस्थान सरकार ही नहीं बल्कि बिहार सरकार भी आलोचनाओं के घेरे में आई, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हैं। राज्य मंत्री जनक चमार द्वारा जारी एक बयान में इसे “बहुत दुखद घटना” बताया गया। उन्होंने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया और कहा कि बिहार सरकार बिहार के दलितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाएगी और स्थिति को सुधारने के लिए कानूनी कदम उठाएगी। चमार ने आगे कहा, “नीतीश कुमार की सरकार बिहार में दलितों की सुरक्षा के लिए काम कर रही है; इस दुखद घटना के पीड़ितों को न्याय दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी।”