पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बुधवार को समाज के हर वर्ग की भलाई सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई।
हाईकोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री से आभार जताने आए 1158 असिस्टेंट प्रोफेसरों और लाइब्रेरियनों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने समाज के सभी वर्गों को राहत देने के लिए हर संभव प्रयास किया है। प्रतिनिधिमंडल ने कानूनी पचड़े से उन्हें बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए मुख्यमंत्री का तहे दिल से धन्यवाद किया। उन्होंने इस बात पर भी दुख जताया कि राज्य में पिछली सरकारों ने उनकी अनदेखी की थी, लेकिन मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली सरकार ने उनकी मदद के लिए हाथ बढ़ाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पूरी भर्ती प्रक्रिया के लिए एक पुख्ता तंत्र विकसित किया है, जिसके कारण अब तक 45,000 से अधिक नियुक्तियों में से एक भी नियुक्ति को किसी भी अदालत में चुनौती नहीं दी गई है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह पंजाब सरकार के लिए गर्व की बात है कि इन युवाओं को पूरी तरह से योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरी दी गई है। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए बहुत गर्व और संतुष्टि की बात है कि सभी युवाओं को इन पदों के लिए पूरी तरह से उनकी योग्यता और बुद्धिमत्ता के आधार पर चुना गया है।
इस दौरान लाइब्रेरियन फ्रंट के एक सदस्य ने मुख्यमंत्री को उनके इस कदम का दिल से समर्थन करने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह सरकारी कॉलेजों में देखा जा रहा वास्तविक बदलाव है क्योंकि इन कॉलेजों में दो दशकों से अधिक समय के बाद भर्ती की गई है। उन्होंने कहा कि वे इस नेक और पथप्रदर्शक पहल के लिए मुख्यमंत्री के हमेशा ऋणी रहेंगे।
सहायक प्रोफेसर डॉ. सोहेल ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया 2021 में शुरू की गई थी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व वाली राज्य सरकार ने उनके हितों की रक्षा की है। उन्होंने कहा कि यह उनके और उनके परिवारों के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि राज्य सरकार इस संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री के आभारी हैं कि उन्होंने उन्हें राज्य सरकार का अभिन्न अंग बनाया।
देखते रहिए हमारा यूट्यूब चैनल ‘डीएनपी इंडिया’. कृपया हमें सब्सक्राइब करें और फॉलो करें फेसबुक, Instagramऔर ट्विटर.