पंजाब समाचार: सीएम ने हलवारा हवाई अड्डे का नाम शहीद करतार सिंह सराभा के नाम पर रखने की मांग दोहराई

पंजाब समाचार: सीएम ने हलवारा हवाई अड्डे का नाम शहीद करतार सिंह सराभा के नाम पर रखने की मांग दोहराई

पंजाब समाचार: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को हलवारा हवाई अड्डे का नाम प्रतिष्ठित शहीद करतार सिंह सराभा के नाम पर रखने की मांग दोहराई।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू किंजरापु को लिखे पत्र में मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि पंजाब विधानसभा ने 22 मार्च, 2023 को अपनी बैठक में सर्वसम्मति से एक आधिकारिक प्रस्ताव पारित किया था, जिसमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, भारत सरकार से आग्रह किया गया था कि पंजाब के लुधियाना जिले के हलवारा में भारतीय वायुसेना स्टेशन पर बनने वाले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम “शहीद करतार सिंह सराभा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा” रखा जाए। उन्होंने कहा कि इस हवाई अड्डे की अंतरिम टर्मिनल बिल्डिंग इस महीने के अंत तक तैयार होने की उम्मीद है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस साल के अंत तक हवाई अड्डे से उड़ानें शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस संबंध में पिछले केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री से भी अनुरोध किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने निजी तौर पर यह मामला उनके समक्ष उठाया है क्योंकि यह मुद्दा पंजाबियों की भावनाओं से जुड़ा हुआ है। उन्होंने दोहराया कि करतार सिंह सराभा के नाम पर हवाई अड्डे का नाम रखना मातृभूमि की बलिवेदी पर अपने प्राण न्यौछावर करने वाले महान शहीद को विनम्र श्रद्धांजलि होगी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह युवा शहीद सदियों से युवा पीढ़ी के लिए अपने देश के लिए निस्वार्थ भाव से काम करने की प्रेरणा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महान शहीद ने देश को विदेशी साम्राज्यवाद के चंगुल से मुक्त करवाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कहा कि ग़दर पार्टी के सक्रिय नेता के तौर पर उन्होंने पहले विदेश में और फिर देश में आज़ादी हासिल करने के लिए अथक काम किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अथक प्रयासों के कारण मोहाली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम पहले ही शहीद भगत सिंह के नाम पर रखा जा चुका है। उन्होंने कहा कि हलवारा हवाई अड्डे का नाम शहीद करतार सिंह सराभा के नाम पर रखना शहीद को विनम्र श्रद्धांजलि होगी। भगवंत सिंह मान ने आगे कहा कि इन प्रतिष्ठित शहीदों के नाम पर हवाई अड्डों, विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों का नाम रखना उनकी शानदार विरासत को कायम रखने के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों का नाम महान राष्ट्रीय नेताओं के नाम पर रखने से हमारे युवाओं को देश के प्रति निस्वार्थ सेवा के लिए प्रेरित किया जा सकता है।

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