पंजाब कृषि विभाग ने उर्वरकों के साथ उत्पादों की अवैध टैगिंग की जांच के लिए 4 टीमें गठित कीं

पंजाब कृषि विभाग ने उर्वरकों के साथ उत्पादों की अवैध टैगिंग की जांच के लिए 4 टीमें गठित कीं

पंजाब कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने गुरुवार, 19 सितंबर को उर्वरकों के साथ अवैध रूप से टैगिंग करके उत्पादों की बिक्री बढ़ाने की प्रथा की जांच के लिए चार टीमों का गठन किया। टीमों की निगरानी संयुक्त निदेशक स्तर के अधिकारी करेंगे।

पंजाब के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने चंडीगढ़ स्थित अपने कार्यालय में माझा किसान संघर्ष समिति के साथ बैठक के बाद यह निर्णय लिया। टीमों को इस अवैध प्रथा से निपटने का काम सौंपा गया है। बैठक में शुगरफेड की एमडी सेनू दुग्गल, कृषि निदेशक जसवंत सिंह और विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

उन्होंने अध्यक्ष बलविंदर सिंह के नेतृत्व में माझा किसान संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया कि पंजाब में आगामी रबी सीजन के लिए डीएपी/एनपीके/एसएसपी की पर्याप्त आपूर्ति है क्योंकि राज्य को पर्याप्त मात्रा में डायमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) और अन्य आवश्यक फॉस्फेटिक उर्वरक मिल रहे हैं।

खुडियां के समक्ष किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने अन्य कृषि उत्पादों पर जबरन उर्वरक लगाने का मामला उठाया। कृषि मंत्री ने आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार किसानों का शोषण बर्दाश्त नहीं करेगी।

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जो भी व्यक्ति किसानों को उर्वरकों के साथ-साथ अतिरिक्त उत्पाद खरीदने के लिए मजबूर करेगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

राज्य गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक 27 सितंबर को

बैठक के दौरान विशेष मुख्य सचिव कृषि केएपी सिन्हा ने कहा कि पंजाब लगभग 35 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गेहूं की बुवाई करने की योजना बना रहा है, जिसके लिए उसे लगभग 5.50 लाख मीट्रिक टन डीएपी उर्वरक की आवश्यकता होगी।

उन्होंने यह भी कहा कि इस वर्ष आगामी रबी सीजन के मद्देनजर किसानों के लिए उर्वरकों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने अगस्त में केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री तथा केंद्रीय उर्वरक सचिव से मुलाकात की थी।

गन्ने के दाम बढ़ाने की मांग पर कृषि मंत्री खुदियां ने कहा कि राज्य सरकार ने 27 सितंबर को राज्य गन्ना नियंत्रण बोर्ड की बैठक तय की है। उन्होंने कहा कि सभी मिलें निर्धारित समय पर पेराई शुरू कर देंगी।

उन्होंने यह भी बताया कि बटाला में सहकारी चीनी मिल की क्षमता को उसकी पिछली 1500 टीसीडी से बढ़ाकर 3500 टन प्रतिदिन (टीसीडी) कर दिया गया है।

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