प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 25 दिसंबर, 2024 को खजुराहो में केन-बेतवा नदी लिंक परियोजना की आधारशिला रखेंगे, जो बुंदेलखंड में पानी की कमी को दूर करने और समृद्धि को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना का लक्ष्य सूखाग्रस्त क्षेत्रों को सिंचित करना है, जिससे छतरपुर, पन्ना, दमोह, टीकमगढ़, शिवपुरी, निवाड़ी, दतिया, रायसेन, विदिशा और सागर जैसे दस जिलों के 1,900 से अधिक गांवों को लाभ होगा। लगभग 41 लाख लोगों को पीने का पानी उपलब्ध होगा, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार होगा।
परियोजना की मुख्य विशेषताएं
सिंचाई लाभ: यह परियोजना सिंचित कृषि को सक्षम करके क्षेत्र में खेती में बदलाव लाएगी, जिससे अनगिनत किसानों के चेहरे पर मुस्कान आएगी।
ऊर्जा उत्पादन: यह 103 मेगावाट पनबिजली और 27 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पन्न करेगा, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।
पानी की उपलब्धता: यह लिंक पर्याप्त जल आपूर्ति सुनिश्चित करेगा, जिससे बुन्देलखण्ड में आर्थिक वृद्धि और सतत विकास की नींव पड़ेगी।
केन-बेतवा परियोजना से कृषि उपज बढ़ाने और रोजगार के अवसर पैदा करके ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फिर से जीवंत करने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, सौर और जलविद्युत ऊर्जा का एकीकरण स्वच्छ ऊर्जा, गैर-नवीकरणीय स्रोतों पर निर्भरता कम करने और पर्यावरणीय स्थिरता का समर्थन करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, पीएम मोदी से केन-बेतवा लिंक की परिवर्तनकारी क्षमता को उजागर करने की उम्मीद है, जो पानी की कमी का दीर्घकालिक समाधान लाने, कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने और ग्रामीण विकास में योगदान देने के लिए तैयार है।
बुन्देलखण्ड के लिए एक मील का पत्थर
यह परियोजना क्षेत्र के लिए आशा और समृद्धि का प्रतीक है, जो जल चुनौतियों को विकास के अवसरों में बदल देती है। इसके कार्यान्वयन से, बुन्देलखण्ड आत्मनिर्भरता और आर्थिक उत्थान वाले भविष्य के लिए तैयार है।