कर्नाटक में राजनीतिक फुसफुसाहट: सीएम सिद्धारमैया की उथल-पुथल के बीच एथिनहोल प्रोजेक्ट की आड़ में डीके शिवकुमार और जी परमेश्वर की मुलाकात

कर्नाटक में राजनीतिक फुसफुसाहट: सीएम सिद्धारमैया की उथल-पुथल के बीच एथिनहोल प्रोजेक्ट की आड़ में डीके शिवकुमार और जी परमेश्वर की मुलाकात

कर्नाटक के राजनीतिक क्षेत्र में, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के संभावित उत्तराधिकारियों को लेकर अटकलों का एक नया दौर शुरू हो गया है क्योंकि विवादास्पद MUDA घोटाले की छाया लगातार बनी हुई है। इन घटनाक्रमों के बीच, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और गृह मंत्री जी परमेश्वर ने हाल ही में एक बैठक की, जिससे सीएम पद के लिए उनकी महत्वाकांक्षाओं के बारे में साज़िश छिड़ गई। विभिन्न कांग्रेस नेताओं द्वारा शीर्ष पद के लिए आकांक्षाएं व्यक्त करने के साथ, शिवकुमार और परमेश्वर के बीच की बातचीत ने सवाल खड़े कर दिए हैं। यहां इस उभरते राजनीतिक नाटक पर करीब से नजर डालें।

उथल-पुथल की पृष्ठभूमि: कर्नाटक में राजनीतिक माहौल चल रहे MUDA घोटाले और सीएम सिद्धारमैया पर इसके प्रभाव को लेकर चर्चा का है।

महत्वाकांक्षी बैठकें: एक उल्लेखनीय कदम में, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने एथिनहोल परियोजना पर चर्चा करने के बहाने गृह मंत्री जी परमेश्वर से मुलाकात की।

उत्तराधिकार पर अटकलें: सिद्धारमैया के संभावित इस्तीफे के बारे में अफवाहों के साथ, सीएम की भूमिका कौन संभाल सकता है, इस बारे में बातचीत तेज हो गई है।

प्रमुख खिलाड़ी: शिवकुमार और परमेश्वर के साथ-साथ मंत्री सतीश जराकीहोली को भी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार के रूप में देखा जा रहा है।

पिछली मुठभेड़: इस बैठक से कुछ ही दिन पहले, शिवकुमार ने पार्टी के भीतर रणनीतिक गठबंधन का संकेत देते हुए जराकीहोली से मुलाकात की थी।

छिपे हुए एजेंडे?: सूत्रों का सुझाव है कि बैठक में एथिनाहोल पहल पर चर्चा के घोषित उद्देश्य से परे गहरे निहितार्थ हो सकते हैं।

भविष्य की राजनीतिक चालें: ऐसी अटकलें हैं कि चर्चा में मौजूदा उथल-पुथल के मद्देनजर आगामी राजनीतिक चालों के लिए संभावित रणनीतियां शामिल थीं।

एक नया राजनीतिक मंच?: सीएम पद के दावेदारों की लगातार सभाएं कांग्रेस पार्टी की गतिशीलता में बदलाव का संकेत दे सकती हैं, जिससे प्रतिद्वंद्वी गुटों के लिए एक नया मंच तैयार हो सकता है।

जांच की संभावनाएं: जैसे ही लोकायुक्त ने आधिकारिक तौर पर MUDA घोटाले की जांच शुरू की है, राजनीतिक माहौल तेजी से गर्म हो गया है, जिससे चल रही चर्चाएं और तेज हो गई हैं।

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