महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल: बदलापुर यौन उत्पीड़न के आरोपी के परिवार ने जांच की मांग के बीच पुलिस मुठभेड़ के दावों को चुनौती दी!

महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल: बदलापुर यौन उत्पीड़न के आरोपी के परिवार ने जांच की मांग के बीच पुलिस मुठभेड़ के दावों को चुनौती दी!

बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले में आरोपी अक्षय शिंदे की पुलिस द्वारा गोली मारकर हत्या ने महाराष्ट्र में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। शिंदे को 23 सितंबर, 2024 को पुलिस ने गोली मार दी थी, पुलिस का दावा है कि उसने पहले गोली चलाई, जिसके बाद उसे आत्मरक्षा के लिए कदम उठाना पड़ा। हालांकि, उसका परिवार इस कथन का पुरजोर विरोध करता है, पुलिस पर दबाव बनाने और स्कूल प्रबंधन की साजिश का आरोप लगाता है। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घटना की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। जैसे ही शिंदे के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया, राजनीतिक नेताओं ने पुलिस के बयान पर संदेह व्यक्त किया, जिससे मामले की जांच तेज हो गई।

घटना का अवलोकन:

24 वर्षीय अक्षय शिंदे की ठाणे में पुलिस ने गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस का आरोप है कि यौन उत्पीड़न मामले में उसकी संलिप्तता के संबंध में पूछताछ के लिए ले जाते समय उसने एक अधिकारी की बंदूक छीनने के बाद उन पर गोली चलाई।

परिवार के दावे: शिंदे के परिवार ने पुलिस के आत्मरक्षा के दावों को सार्वजनिक रूप से खारिज कर दिया है, उनका कहना है कि यौन उत्पीड़न के आरोपों के संबंध में स्वीकारोक्ति देने के लिए उन पर दबाव डाला गया था, तथा उनकी मौत के लिए जवाबदेही की मांग की है।

महाराष्ट्र सरकार का जवाब:

उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने शिंदे की मौत की परिस्थितियों की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की, जिसमें पुलिस के कदाचार की संभावना पर प्रकाश डाला गया।

हमले के मामले का विवरण:

शिंदे को 17 अगस्त को बदलापुर के एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों पर कथित रूप से हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जहां वह सफाईकर्मी के रूप में काम करता था, जिसके बाद मीडिया में काफी चर्चा हुई और लोगों में आक्रोश फैल गया।

षड्यंत्र के आरोप:

परिवार के सदस्यों ने पुलिस और स्कूल प्रबंधन की मिलीभगत से साजिश का आरोप लगाया है और कहा है कि हिरासत के दौरान शिंदे की पिटाई की गई और दबाव में उससे बयान कबूल करवाया गया।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं:

एनसीपी विधायक जितेन्द्र आव्हाड सहित स्थानीय राजनेताओं ने पुलिस के बयान की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है, तथा हथकड़ी लगे व्यक्ति द्वारा सशस्त्र अधिकारियों पर काबू पाने की बात को अविश्वसनीय बताया है।

सुरक्षा उपाय:

कलवा सिविक अस्पताल के आसपास के क्षेत्र में, जहां शिंदे के शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया था, पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था कर दी थी, क्योंकि उनके परिवार और समर्थक उनसे मिलने की कोशिश कर रहे थे, जिससे पारदर्शिता को लेकर चिंताएं पैदा हो गईं।

जनता एवं मीडिया का ध्यान:

यह मामला मीडिया की व्यापक जांच को आकर्षित कर रहा है, सोशल मीडिया फुटेज में शिंदे के परिवार को अस्पताल के बाहर अपडेट का इंतजार करते हुए दिखाया गया है, जिससे स्थिति से निपटने में न्याय और जवाबदेही की मांग बढ़ गई है।

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