पितृ पक्ष 2024, चौथा दिन तर्पण: आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि से अमावस्या तक पितृ पक्ष चलता है। पितृ पक्ष के दौरान लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनके लिए पिंडदान करते हैं। इस दौरान खान-पान, व्यवहार और रीति-रिवाजों का विशेष ध्यान रखा जाता है। इस दौरान कुछ भी खरीदना या घर में कोई भी शुभ कार्य करना अशुभ माना जाता है। शनिवार, 21 सितंबर को पितृ पक्ष का चौथा दिन है। आइए जानते हैं इस दिन श्राद्ध के नियम और शुभ मुहूर्त के बारे में।
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श्राद्ध के चौथे दिन किसे करें सम्मानित? (चौथा दिन तर्पण और श्राद्ध)
पितृ पक्ष के चौथे दिन उन मृतक रिश्तेदारों के लिए श्राद्ध किया जाता है, जिनका निधन चतुर्थी तिथि को हुआ हो। इस दिन को चौथ श्राद्ध के नाम से भी जाना जाता है। पितृ पक्ष के दौरान किए जाने वाले श्राद्ध को पार्वण श्राद्ध भी कहा जाता है। शुभ मुहूर्त में श्राद्ध करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं।
चतुर्थी श्राद्ध का शुभ समय (शुभ मुहूर्त 21 सितंबर 2024)
चतुर्थी श्राद्ध के दिन तीन शुभ मुहूर्त हैं। शनिवार, 21 सितंबर 2024 को कुटीत मुहूर्त सुबह 11:49 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक रहेगा। इसके बाद रोहिणी मुहूर्त दोपहर 12:38 बजे से शुरू होकर दोपहर 1:27 बजे तक रहेगा। श्राद्ध के लिए दोपहर का समय दोपहर 1:27 बजे से दोपहर 3:53 बजे तक रहेगा।
पितृ पक्ष के चौथे दिन के नियम
श्राद्ध के चौथे दिन शुभ मुहूर्त में पितरों से संबंधित कर्मकांड करें। जिस किसी की कुंडली में पितृ दोष हो, वह अपने पितरों की मुक्ति के लिए पिंडदान कर सकता है। श्राद्ध के दौरान गंगा नदी में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है। श्राद्ध के चौथे दिन गाय, कौवे, कुत्ते और चींटियों को भोजन कराना चाहिए। श्राद्ध के अवसर पर ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए और दान-दक्षिणा देनी चाहिए। पितरों की शांति के लिए घर में गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। इस दौरान घर में आए मेहमानों का अनादर करने से पितरों को ठेस पहुंचती है। श्राद्ध के महीने में घर में सात्विक वातावरण बनाए रखें। गाय के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करें और उसे ताजी रोटी खिलाएं। पितृ पक्ष के दौरान जितना हो सके उतनी पूजा-पाठ और पूजा-पाठ में शामिल होना चाहिए।