ओडिशा वायरल वीडियो: सीएम माझी से मुलाकात के बाद आर्मी ऑफिसर की मंगेतर ने बताई आपबीती, कहा ‘उन्होंने मेरी शिकायतें सुनी हैं…’

ओडिशा वायरल वीडियो: सीएम माझी से मुलाकात के बाद आर्मी ऑफिसर की मंगेतर ने बताई आपबीती, कहा 'उन्होंने मेरी शिकायतें सुनी हैं...'

ओडिशा वायरल वीडियो: एक चौंकाने वाली घटना जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है, वह है ओडिशा के भुवनेश्वर के भरतपुर पुलिस स्टेशन में एक सेना अधिकारी और उसकी मंगेतर पर पुलिस अधिकारियों द्वारा कथित तौर पर हमला किया जाना। यह चौंकाने वाली घटना 15 सितंबर को हुई और इसने आम नागरिकों और खास तौर पर महिलाओं के साथ किए जाने वाले सामान्य व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।

ओडिशा के मुख्यमंत्री के साथ बैठक

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने भुवनेश्वर के लोक सेवा भवन में लड़की और उसके पिता से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान महिला ने शिकायत की, “आज सीएम से मुलाकात के बाद उन्होंने मुझे धैर्यपूर्वक सुना और मेरी सारी शिकायतें सुनीं और आज तक मेरी शिकायत भाटापुर के उन 7 पुलिस अधिकारियों से है जिन्होंने मेरे साथ गलत किया और मेरे साथ छेड़छाड़ की। उन्होंने मुझे न्यायिक जांच के साथ न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।”

उन्होंने आगे कहा, “मैंने उनसे कहा कि मुझे संभावित खतरों का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि पहले ही पुलिस अधिकारी दो बार वहां आ चुके हैं और मेरे कर्मचारियों को धमका चुके हैं। इसलिए, मैंने उन्हें उसी प्रकरण के बारे में भी बताया। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि अगर जरूरत पड़ी तो भविष्य में एक साधारण तरीके से रेस्तरां चलाने के लिए सुरक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने आश्वासन दिया और सुनिश्चित किया कि भविष्य में, इस राज्य में महिलाएं पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगी और महिलाओं के प्रति किसी भी गलत काम के प्रति शून्य सहिष्णुता बरती जाएगी।”

उन्होंने आगे कहा, “उन्होंने मुझसे जो वादे किए थे, उनसे मुझे राहत मिली है। मुझे खुशी होगी जब इस न्यायिक जांच के माध्यम से मुझे न्याय मिलेगा। मुझे खुशी है कि उन्होंने मेरी बात धैर्यपूर्वक सुनी।”

मुख्यमंत्री का खंडन और जांच की शुरुआत

सीएम माझी ने आरोपों को खारिज करते हुए घटना की न्यायिक जांच का निर्देश दिया, जिसकी अध्यक्षता सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति चित्तरंजन दाश करेंगे। इस आयोग को घटनाओं की श्रृंखला और संबंधित अधिकारियों की भूमिका की जांच करने का काम सौंपा गया है। ओडिशा सरकार ने ओडिशा उच्च न्यायालय में ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा द्वारा की जा रही जांच में पर्यवेक्षण की भूमिका की भी मांग की है।

भरतपुर पुलिस स्टेशन के पांच पुलिस अधिकारियों को आरोपों की जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है। आरोपों की गंभीरता इस निर्णायक प्रतिक्रिया की मांग करती है, जहां राज्य सरकार कानून प्रवर्तन मशीनरी में लोगों के विश्वास को बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध है।

विपक्ष की आलोचना और जवाबदेही की मांग

इस मामले को राज्य के विपक्षी दलों की ओर से भी तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा है, जिन्होंने पुलिस के आचरण की कड़ी आलोचना की है और ऐसे कृत्यों के लिए जवाबदेही की मांग की है। वास्तव में, यह पूरा मामला समाज में महिलाओं की दुर्दशा और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस बल के भीतर सुधारों की आवश्यकता से संबंधित कुछ मुद्दों को उजागर करता है।

उन्होंने मुझसे जो वादे किए थे, उनसे मुझे राहत मिली है। मुझे खुशी होगी जब इस न्यायिक जांच के माध्यम से मुझे न्याय मिलेगा। महिला ने कहा कि मुझे खुशी है कि उन्होंने मेरी बात धैर्यपूर्वक सुनी। उनकी भावनाओं में उम्मीद और इच्छा झलकती है कि राज्य भर में महिलाओं के सम्मान में सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए सरकार और अधिक ठोस कदम उठाएगी।

जांच पर राष्ट्रव्यापी ध्यान

इस मामले में जांच जारी रहने के साथ ही यह भी महत्वपूर्ण होगा कि अधिकारी पारदर्शी और जवाबदेह हों। यह मामला महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर ओडिशा सरकार की शून्य-सहिष्णुता नीति की परीक्षा लेगा क्योंकि पूछताछ की एक लंबी प्रक्रिया होगी जिसमें दावों से अधिक स्पष्टीकरण की आवश्यकता होगी।

इसलिए, इस घटना को समुदाय और कानून प्रवर्तन के बीच निरंतर संवाद की याद दिलाने की आवश्यकता है ताकि ऐसा माहौल बनाया जा सके जिसमें हर नागरिक सुरक्षित और सम्मानित महसूस करे, खासकर महिलाएं। इस जांच और उसके बाद की सभी कार्रवाइयों के परिणाम न केवल ओडिशा में बल्कि पूरे देश में बारीकी से देखे जाएंगे क्योंकि नागरिक पुलिस प्रणाली के भीतर न्याय और सुधार की मांग कर रहे हैं।

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