कोलकाता बलात्कार-हत्या मामला: 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार मामले की पीड़िता निर्भया की मां आशा देवी ने शनिवार (17 अगस्त) को कोलकाता में प्रशिक्षु डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि वह स्थिति को संभालने में “विफल” रही हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अपनी शक्ति का इस्तेमाल करने के बजाय, वह विरोध प्रदर्शन करके लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही हैं।
31 वर्षीय स्नातकोत्तर प्रशिक्षु डॉक्टर की 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ड्यूटी के दौरान कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए उसके कॉलेज के छात्र और देश के विभिन्न हिस्सों में डॉक्टर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
निर्भया की मां ने क्या कहा?
आशा देवी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की आलोचना करते हुए कहा, “दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अपने अधिकार का इस्तेमाल करने के बजाय, ममता बनर्जी जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं।”
उन्होंने कहा, “ममता बनर्जी इस मुद्दे से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए प्रदर्शन कर रही हैं। वह खुद एक महिला हैं। उन्हें राज्य की मुखिया के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी। उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि वह स्थिति को संभालने में विफल रही हैं।”
ममता ने शुक्रवार को कोलकाता में मौलाली से डोरीना क्रॉसिंग तक विरोध रैली निकाली और महिला डॉक्टर के लिए न्याय की मांग की। उन्होंने दोषियों के लिए मृत्युदंड की भी मांग की। गौरतलब है कि ममता खुद बंगाल की गृह मंत्री और स्वास्थ्य मंत्री हैं।
आशा देवी का देश की सरकारों को संदेश
आशा देवी ने कहा कि जब तक केंद्र और राज्य सरकारें बलात्कारियों के लिए अदालत से शीघ्र सजा दिलाने के प्रति गंभीर नहीं होंगी, तब तक देश के विभिन्न हिस्सों में हर दिन ऐसी क्रूरताएं होती रहेंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘जब कोलकाता के मेडिकल कॉलेज में लड़कियां सुरक्षित नहीं हैं और उनके साथ ऐसी बर्बरता की जाती है, तो देश में महिला सुरक्षा की स्थिति को समझा जा सकता है।’’
प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या के एक दिन बाद, पश्चिम बंगाल पुलिस ने अपराध के सिलसिले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। बाद में, पुलिस जांच में खामियों का हवाला देते हुए, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया।
(पीटीआई इनपुट्स के साथ)
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