भारत के उभरते बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन ने अपने खेल में क्रिकेट आइकन विराट कोहली की सफलता को दोहराने की तीव्र इच्छा व्यक्त की है।
अपने करियर में आगे बढ़ते हुए सेन कोहली की अथक कार्यशैली और प्रतिस्पर्धी भावना को अपनाने के लिए उत्सुक हैं, ताकि यह क्रिकेटर भारत और अन्य स्थानों पर एक जाना-पहचाना नाम बन सके।
हाल के साक्षात्कारों में लक्ष्य सेन ने कोहली के प्रति अपनी प्रशंसा खुलकर व्यक्त की है, तथा कोहली के समर्पण और मानसिक दृढ़ता जैसे गुणों पर प्रकाश डाला है, जिन्हें वह अपने प्रशिक्षण और प्रतिस्पर्धा में दोहराने की आकांक्षा रखते हैं।
सेन का मानना है कि फिटनेस और प्रदर्शन के प्रति कोहली का दृष्टिकोण बैडमिंटन सहित अन्य खेलों के एथलीटों के लिए आदर्श बन सकता है।
उनका लक्ष्य अपने प्रशिक्षण कार्यक्रम में इसी तरह के अनुशासन को शामिल करना है, जिसमें कठोर शारीरिक प्रशिक्षण, तकनीकी कौशल संवर्धन और मानसिक दृढ़ता शामिल है।
प्रशिक्षण व्यवस्था और फिटनेस लक्ष्य
सेन की फिटनेस के प्रति प्रतिबद्धता उनके प्रभावशाली प्रदर्शन मीट्रिक्स में स्पष्ट है। उन्होंने कोहली से ज़्यादा यो-यो टेस्ट स्कोर हासिल किया है, कोहली के 17.2 की तुलना में 22.4 दर्ज किया है।
यह स्कोर सेन की असाधारण लैक्टिक सहनशक्ति को दर्शाता है, जो बैडमिंटन की तेज गति की मांगों के लिए आवश्यक है।
उनके प्रशिक्षण में ताकत और सहनशक्ति में सुधार के लिए डिज़ाइन किए गए विभिन्न प्रकार के व्यायाम शामिल हैं, जैसे कंधे की ताकत के लिए रस्सी पर चढ़ना और पिंडली की मांसपेशियों के लिए लक्षित कसरत, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि वह गहन मैचों के दौरान उच्च-स्तरीय प्रदर्शन बनाए रख सकें।
हालिया प्रदर्शन और वापसी
चोटों और असंगत प्रदर्शन से चिह्नित अपने करियर के चुनौतीपूर्ण दौर का सामना करने के बाद, सेन ने हाल ही में मजबूत वापसी के संकेत दिए हैं।
बैडमिंटन एशिया टीम चैंपियनशिप में उनकी भागीदारी से, जहां उन्होंने तीन जीत हासिल की, उनका आत्मविश्वास बढ़ा है।
महान प्रकाश पादुकोण सहित उनकी प्रशिक्षण टीम से मिले सहयोग से उन्हें अपना फॉर्म वापस पाने में मदद मिली है।
सुधार के प्रति सेन की प्रतिबद्धता स्पष्ट है क्योंकि वह प्रशिक्षण और प्रतिस्पर्धा में खुद को आगे बढ़ा रहे हैं, तथा उनका लक्ष्य क्रिकेट में कोहली द्वारा हासिल की गई सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचना है।
आगे देख रहा
लक्ष्य सेन भारतीय बैडमिंटन में अग्रणी खिलाड़ी बनने का लक्ष्य रखते हैं, तथा विराट कोहली की बराबरी करने की उनकी आकांक्षा उन्हें प्रेरित और प्रोत्साहित करती है।
अनुशासन, फिटनेस और प्रतिस्पर्धी भावना पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सेन इस खेल में अपनी पहचान बनाने के लिए कृतसंकल्प हैं, जिससे भारत में बैडमिंटन खिलाड़ियों की भावी पीढ़ियों के लिए मार्ग प्रशस्त हो सके।
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