केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पटना में सीबीआई मामलों की विशेष अदालत के समक्ष नीट यूजी 2024 प्रश्नपत्र चोरी मामले में छह आरोपियों के खिलाफ दूसरा आरोपपत्र दाखिल किया है। आरोपपत्र भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दाखिल किया गया है, जिसमें धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 109 (उकसाना), धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 380 (चोरी), धारा 201 (साक्ष्यों को गायब करना) और धारा 411 (बेईमानी से चोरी की गई संपत्ति प्राप्त करना) शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल, जिन्हें सिटी कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया था, और उप-प्रधानाचार्य, जिन्हें एनईईटी यूजी 2024 परीक्षा के संचालन के लिए एनटीए द्वारा केंद्र अधीक्षक नियुक्त किया गया था, के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (जैसा कि 2018 में संशोधित किया गया) की धारा 13 (2) के साथ धारा 13 (1) (ए) के तहत ठोस आरोप लगाए गए हैं।
यह दूसरा आरोप पत्र निम्नलिखित छह आरोपियों के खिलाफ दायर किया गया है: (1) बलदेव कुमार (चिंटू), (2) सनी कुमार, (3) डॉ. अहसानुल हक (ओएसिस स्कूल, हजारीबाग के प्रिंसिपल और हजारीबाग के सिटी कोऑर्डिनेटर), (4) मोहम्मद इम्तियाज आलम (ओएसिस स्कूल के उप-प्रधानाचार्य और केंद्र अधीक्षक), (5) जमालुद्दीन उर्फ जमाल (एक समाचार पत्र, हजारीबाग के रिपोर्टर), और (6) अमन कुमार सिंह। सीबीआई ने पहले 1 अगस्त, 2024 को 13 आरोपियों के खिलाफ पहला आरोप पत्र दायर किया था।
जांच से पता चला है कि डॉ. अहसानुल हक ने हजारीबाग में नीट यूजी 2024 परीक्षा के सिटी कोऑर्डिनेटर के रूप में, उप-प्राचार्य और केंद्र अधीक्षक मोहम्मद इम्तियाज आलम के साथ मिलकर अन्य आरोपी व्यक्तियों के साथ नीट यूजी प्रश्नपत्र चोरी करने की साजिश रची थी।
अब तक NEET पेपर लीक मामले में कुल 48 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। सीबीआई ने पेपर लीक के लाभार्थी उम्मीदवारों की भी पहचान कर ली है और आवश्यक कार्रवाई के लिए नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के साथ उनका विवरण साझा कर दिया है।
शेष गिरफ्तार आरोपियों तथा मामले के अन्य पहलुओं के संबंध में जांच जारी है।
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