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केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) में सुधार पर गठित उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट पेश करने के लिए अतिरिक्त समय मांगा है। शीर्ष अदालत में मंत्रालय ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट परीक्षा निकाय (एनटीए) में सुधार के लिए गठित उच्चाधिकार प्राप्त समिति को अंतिम रिपोर्ट पेश करने के लिए तीन और सप्ताह का समय प्रदान करे।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए की निगरानी के लिए गठित विशेषज्ञ समिति को नीट के लिए एसओपी तैयार करने और साइबर सुरक्षा में खामियों की पहचान करने को कहा था।
नीट पेपर लीक: सीबीआई ने हजारीबाग स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया
इससे पहले, सीबीआई ने पेपर लीक मामले में दूसरा आरोपपत्र दायर किया था जिसमें जांच एजेंसी ने दावा किया था कि झारखंड के हजारीबाग में ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसिपल ने अन्य लोगों के साथ मिलकर नीट-यूजी 2024 का प्रश्नपत्र चुराने की साजिश रची थी।
अधिकारियों ने 20 सितंबर को बताया कि प्रिंसिपल अहसानुल हक, उप-प्राचार्य मोहम्मद इम्तियाज आलम और चार अन्य के खिलाफ आरोप पत्र पटना की एक विशेष अदालत में दायर किया गया।
19 सितंबर को दाखिल अपनी रिपोर्ट में सीबीआई ने अमन कुमार सिंह, बलदेव कुमार, सनी कुमार और एक स्थानीय पत्रकार जमालुद्दीन का भी नाम लिया।
उन पर धारा 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र), धारा 109 (उकसाना), धारा 409 (आपराधिक विश्वासघात), धारा 420 (धोखाधड़ी), धारा 380 (चोरी), धारा 201 (साक्ष्य मिटाना) और धारा 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) के तहत आरोप लगाए गए।
इसके अतिरिक्त, केंद्रीय जांच एजेंसी ने हक और आलम के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधान भी लगाए।
हक को हजारीबाग के लिए सिटी कोऑर्डिनेटर नियुक्त किया गया और आलम को NEET UG-2024 परीक्षा के संचालन के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी द्वारा केंद्र अधीक्षक नामित किया गया।
पेपर लीक मामले में 48 आरोपी गिरफ्तार
सीबीआई ने इस मामले में 48 लोगों को गिरफ्तार किया है। सीबीआई ने इस पेपर लीक के लाभार्थी उम्मीदवारों की भी पहचान कर ली है और आवश्यक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी के साथ उनका विवरण साझा किया है।
एजेंसी ने 1 अगस्त को 13 आरोपियों के खिलाफ अपना पहला आरोपपत्र दायर किया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि कथित मास्टरमाइंडों में से एक पंकज कुमार ने हक और आलम के साथ मिलकर काम किया।
नीट यूजी 2024 प्रश्नपत्रों से भरे ट्रंक को 5 मई की सुबह स्कूल में लाया गया और कंट्रोल रूम में रखा गया। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि हक और आलम ने अवैध रूप से कुमार को उस कमरे में जाने दिया, जहां ट्रंक रखे गए थे। इसमें कहा गया है कि कुमार ने अत्याधुनिक उपकरणों का उपयोग करके ट्रंक से प्रश्नपत्र निकालने के लिए ट्रंक खोला।
सीबीआई के अनुसार, 5 मई की परीक्षा की सुबह हजारीबाग में एम्स पटना, आरआईएमएस रांची और भरतपुर के एक मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस पाठ्यक्रम में अध्ययनरत सॉल्वरों के एक समूह द्वारा पेपर हल किया गया था।
एजेंसी ने सात कथित अपराधियों को गिरफ्तार किया है तथा ट्रंक खोलने में प्रयुक्त उपकरण जब्त कर लिए हैं।
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा था, “हल किया गया पेपर कुछ चुने हुए छात्रों के साथ साझा किया गया था, जिन्होंने आरोपियों को पैसे दिए थे। सभी सॉल्वर, जो प्रतिष्ठित कॉलेजों के एमबीबीएस छात्र हैं, की पहचान कर ली गई है और उनमें से अधिकांश को गिरफ्तार कर लिया गया है। इन सॉल्वरों को साजिश के तहत विशेष रूप से हजारीबाग लाया गया था।”
कुमार के साथ काम करने वाले गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान कर ली गई है और उनमें से कुछ को गिरफ्तार कर लिया गया है। सीबीआई ने कहा था, “इस समूह को आरोपियों के एक समूह द्वारा सक्रिय रूप से सहायता प्रदान की गई थी, जिन्होंने उम्मीदवारों के रहने के लिए स्थानों की व्यवस्था की थी, आरोपियों का एक अन्य समूह उम्मीदवारों को जुटाने और उन्हें लाने-ले जाने में शामिल था। हल किए गए प्रश्नपत्र तक पहुँच पाने वाले उम्मीदवारों का पता लगाया जा रहा है और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।”
इस साल यह परीक्षा 5 मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिनमें 14 विदेशी शहर भी शामिल थे। इस परीक्षा में 23 लाख से ज़्यादा उम्मीदवार शामिल हुए थे।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)
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