सोनीपत में प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण शिविर ने 200 से अधिक किसानों को पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों से सशक्त बनाया

सोनीपत में प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण शिविर ने 200 से अधिक किसानों को पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों से सशक्त बनाया

घर की खबर

18 दिसंबर, 2024 को हरियाणा के सोनीपत में आयोजित एक दिवसीय ‘प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण शिविर’ ने 200 से अधिक किसानों को पर्यावरण-अनुकूल कृषि तकनीकों से सशक्त बनाया। कृषि जागरण के संस्थापक एमसी डोमिनिक ने किसानों को समृद्धि का लक्ष्य रखने के लिए प्रेरित किया, जबकि विशेषज्ञों ने कम लागत वाली, टिकाऊ कृषि पद्धतियों को साझा किया।

कृषि जागरण के संस्थापक एवं प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक, प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण शिविर में किसानों को संबोधित करते हुए

18 दिसंबर, 2024 को सूर्य साधना स्थली, झिंझौली, सोनीपत, हरियाणा में एक दिवसीय ‘प्राकृतिक कृषि प्रशिक्षण शिविर’ सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, सोनीपत और सूर्या फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्राकृतिक खेती तकनीकों के बारे में जागरूकता बढ़ाना, उनके लाभों को उजागर करना और पर्यावरण-अनुकूल कृषि प्रथाओं को बढ़ावा देना है।

प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण शिविर में 200 से अधिक किसानों ने भाग लिया

200 से अधिक प्रगतिशील किसानों ने भाग लिया

कार्यक्रम में सोनीपत जिले के 200 से अधिक प्रगतिशील किसानों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई। मुख्य अतिथि के रूप में कृषि जागरण के संस्थापक और प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक सहित विशिष्ट अतिथियों ने इस अवसर की शोभा बढ़ाई। विशिष्ट अतिथियों में सूर्या फाउंडेशन के उपाध्यक्ष हेमंत शर्मा; कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, सोनीपत के उप निदेशक डॉ. पवन शर्मा; और प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, सोनीपत के जैविक कृषि विशेषज्ञ बीके प्रमोद।

किसानों के लिए ज्ञानवर्धक सत्र

शिविर के दौरान किसानों को प्राकृतिक खेती के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराया गया। कार्यक्रम में 8-10 किसानों की व्यक्तिगत गवाही दी गई, जिन्होंने कम लागत वाली जैविक विधियों के माध्यम से बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के अपने अनुभव साझा किए। इन कहानियों ने प्राकृतिक खेती के व्यावहारिक लाभों को प्रदर्शित करते हुए दूसरों के लिए प्रेरणा का काम किया।

कृषि जागरण के संस्थापक एवं प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक किसानों को संबोधित करते हुए

समृद्ध किसानों के लिए विजन

अपने प्रेरक संबोधन में, मुख्य अतिथि एमसी डोमिनिक ने किसानों को “करोड़पति किसान” बनने के लिए सशक्त बनाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य किसानों को समृद्ध बनाना है, उनके काम को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाना है। हमारा दृष्टिकोण एक ऐसा वातावरण बनाना है जहां किसान का बेटा डॉक्टर, इंजीनियर या वैज्ञानिक बनने की आकांक्षा रख सके, जबकि पेशेवरों के बच्चे किसान बनने पर गर्व महसूस करें। कृषि जागरण कृषि को इस स्तर तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

खेती की तकनीक पर विशेषज्ञ की सलाह

विशेष अतिथि हेमंत शर्मा, डॉ. पवन शर्मा और बीके प्रमोद ने प्राकृतिक कृषि पद्धतियों, जैविक उर्वरकों के उपयोग और टिकाऊ, लागत प्रभावी तरीकों पर बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा की। उनकी सलाह का उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा करते हुए किसानों को उनकी उत्पादकता में सुधार करने के लिए ज्ञान के साथ सशक्त बनाना है।

कार्यक्रम की मुख्य बातें

11:00 पूर्वाह्न: कार्यक्रम की शुरुआत मेहमानों के गर्मजोशी से स्वागत समारोह के साथ हुई।

11:15 पूर्वाह्न – 1:00 अपराह्न: परिसर भ्रमण और वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया गया। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक कदम का प्रतीक एमसी डोमिनिक ने एक पेड़ लगाया।

1:30 अपराह्न: किसानों और विशेषज्ञों के बीच प्राकृतिक खेती तकनीकों पर केंद्रित एक विस्तृत चर्चा सत्र।

2:30 अपराह्न: सभी प्रतिभागियों को दोपहर का भोजन परोसा गया।

2:45 अपराह्न: शिक्षकों के लिए एक व्यक्तित्व विकास शिविर (टीपीडीसी) आयोजित किया गया।

प्रशिक्षण शिविर प्रतिभागियों के लिए एक समृद्ध अनुभव साबित हुआ। विशेषज्ञों द्वारा साझा की गई अंतर्दृष्टि ने किसानों को प्राकृतिक खेती के तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया, जो कम लागत पर अधिक उपज का वादा करता है। एमसी डोमिनिक के प्रेरक भाषण ने उपस्थित लोगों के आत्मविश्वास को बढ़ाया, इस विचार को मजबूत किया कि प्राकृतिक खेती न केवल आय बढ़ाती है बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है।

कृषि जागरण के संस्थापक एवं प्रधान संपादक एमसी डोमिनिक पौधारोपण करते हुए

कार्यक्रम ने किसानों के बीच सतत कृषि और सामाजिक विकास के प्रति जिम्मेदारी की भावना को सफलतापूर्वक बढ़ावा दिया। आयोजकों और विशेषज्ञों का मानना ​​है कि इस तरह की पहल से कृषक समुदाय की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में गहरा सुधार हो सकता है।










पहली बार प्रकाशित: 18 दिसंबर 2024, 15:35 IST


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