मैसूर, 10 सितंबर — मैसूर लोकायुक्त ने मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा 350 से अधिक प्रभावशाली व्यक्तियों को अनुचित तरीके से भूमि आवंटन के आरोपों के संबंध में एक अधीक्षक अभियंता सहित 18 अधिकारियों को नोटिस जारी किया है। यह विवाद मैसूर के हिंकल ग्राम पंचायत क्षेत्र में वितरित भूमि से जुड़ा है।
आरटीआई कार्यकर्ता गंगाराजू द्वारा 2017 में की गई शिकायत के बाद, साइट आवंटन की चल रही जांच के बीच ये आरोप सामने आए हैं। आरोपों से पता चलता है कि सर्वेक्षण संख्या 89 में 7.18 एकड़ भूमि उचित प्राधिकरण के बिना प्रभावशाली व्यक्तियों को अनुचित तरीके से वितरित की गई थी।
मैसूर जिला भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को सौंपी गई गंगाराजू की शिकायत में विस्तार से बताया गया है कि किस तरह आश्रय योजना की आड़ में जमीन आवंटित की गई। शिकायत में अधिकारियों पर नियमों को दरकिनार कर राजनीतिक रूप से जुड़े व्यक्तियों को जमीन आवंटित करने का आरोप लगाया गया है।
आरोपों के जवाब में मैसूर लोकायुक्त ने सरकार की मंजूरी से 2022 में मामला दर्ज किया। लोकायुक्त ने अब MUDA अधिकारियों को आवंटन पर विस्तृत रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ संभावित कार्रवाई का संकेत दिया है।
मैसूर लोकायुक्त की जांच इस बात पर केंद्रित होगी कि क्या भूमि का आवंटन उसके इच्छित उद्देश्य के अनुसार किया गया था और क्या उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया था। जांच के नतीजे से दोषी अधिकारियों के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई हो सकती है।