मुदा घोटाला संकट: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को ईडी की पूछताछ और इस्तीफे के बढ़ते दबाव से दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है!

मुदा घोटाला संकट: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को ईडी की पूछताछ और इस्तीफे के बढ़ते दबाव से दोहरी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है!

मुडा घोटाले से जुड़ी एक विकासशील गाथा में, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया खुद को मुश्किल में पाते हैं क्योंकि उनके इस्तीफे के लिए दबाव बढ़ रहा है। उनके खिलाफ मैसूर लोकायुक्त में एक एफआईआर दर्ज की गई है और अब, उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच की संभावना का सामना करना पड़ रहा है। 30 सितंबर को, स्नेहमयी कृष्णा ने ईडी के पास शिकायत दर्ज कराई, जिससे दांव और भी बढ़ गया। जैसे-जैसे जांच तेज होगी, कर्नाटक के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण उथल-पुथल का सामना करना पड़ सकता है। मौजूदा स्थिति के संबंध में यहां मुख्य बिंदु दिए गए हैं।

ईडी पूछताछ की आशंका: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को ईडी की संभावित जांच का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि आज दर्ज की गई शिकायत से उनके खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एफआईआर हो सकती है।

शिकायत दर्ज: शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने आधिकारिक तौर पर बेंगलुरु में ईडी को अपना मामला सौंप दिया है, फाइलिंग के लिए पावती प्राप्त की है, जिससे मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच शुरू हो सकती है।

दोहरी मुसीबत: अगर ईडी एफआईआर के साथ आगे बढ़ती है, तो सिद्धारमैया को जटिल संकट से निपटना होगा, क्योंकि वह पहले से ही लोकायुक्त जांच के दबाव का सामना कर रहे हैं।

सीबीआई जांच का अनुरोध: पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए, शिकायतकर्ता स्नेहमयी कृष्णा ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है, और राज्य के नेतृत्व वाली जांच के बजाय मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच का अनुरोध किया है।

अदालत के जवाब का इंतजार: उम्मीद है कि दशहरा की छुट्टियों के बाद उच्च न्यायालय कृष्णा की याचिका की समीक्षा करेगा, जबकि ईडी सिद्धारमैया के खिलाफ शिकायत के विवरण का मूल्यांकन करना जारी रखेगा।

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