13 सितंबर, 2024 — मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) घोटाले ने राज्य में विवाद को जन्म दे दिया है। नए खुलासे सामने आए हैं, जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से जुड़े भूमि आवंटन में विसंगतियों को उजागर किया गया है। आरोपों में अब आधिकारिक दस्तावेजों में उनकी पत्नी पार्वती के हस्ताक्षर की जालसाजी भी शामिल है।
हाल ही में सामने आए दस्तावेजों से पता चलता है कि 1 जनवरी, 2022 को पार्वती सिद्धारमैया द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र में विजयनगर तीसरे चरण और विजयनगर चौथे चरण में 13 भूखंडों के पंजीकरण का अनुरोध किया गया था। हालांकि, जांच से पता चलता है कि दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर उनके नहीं बल्कि मुख्यमंत्री के निजी सहयोगी एसजी दिनेश कुमार, जिन्हें सीटी कुमार के नाम से भी जाना जाता है, के हैं।
पत्र में 25, 331, 332, 213, 214, 215, 05, 5108, 5085, 11189, 10855, 12065 और 12068 नंबर के प्लॉटों के पंजीकरण का अनुरोध किया गया था। 13 प्लॉटों के अनुरोध के बावजूद, रिकॉर्ड से पता चलता है कि 14 प्लॉट आवंटित किए गए थे, जिससे संभावित अनियमितताओं और कुप्रबंधन के बारे में सवाल उठते हैं।
विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर कथित घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया है और विसंगतियों की जांच की मांग की है। उच्च न्यायालय आज MUDA मामले की सुनवाई करने वाला है, जिसमें इस मामले पर महत्वपूर्ण निर्णय आने की उम्मीद है।