नयी दिल्ली, 10 सितंबर (भाषा) दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को कहा कि एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती एमपीओएक्स मरीज की हालत स्थिर है।
भारद्वाज ने दिन में एमपॉक्स और डेंगू के मामलों से निपटने के लिए अस्पताल की तैयारियों का आकलन करने के लिए अस्पताल का औचक निरीक्षण किया।
मंत्री ने कहा, “एलएनजेपी अस्पताल में एमपॉक्स का एक मरीज है। उसका यात्रा इतिहास है और ऐसा माना जा रहा है कि वह विदेश यात्रा के दौरान संक्रमित हुआ।”
उन्होंने कहा, “मरीज को अलग वार्ड में रखा गया है। उसकी हालत स्थिर है।”
स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि हरियाणा के हिसार निवासी 26 वर्षीय मरीज को केवल जननांगों में छाले और त्वचा पर चकत्ते हैं, लेकिन बुखार नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के एक बयान के अनुसार, मरीज को अस्पताल के आपदा प्रबंधन वार्ड में रखा गया है।
भारद्वाज ने इस बात पर जोर दिया कि एमपॉक्स को लेकर घबराने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि यह हवा से नहीं, बल्कि संपर्क से फैलता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि यह एक “पृथक मामला” है और इससे जनता को तत्काल कोई खतरा नहीं है।
मंत्रालय ने कहा, “यह व्यक्ति, एक युवा पुरुष है जो हाल ही में एमपॉक्स संक्रमण वाले देश से यात्रा करके आया है, उसे वर्तमान में एक निर्दिष्ट तृतीयक देखभाल अलगाव सुविधा में रखा गया है। रोगी चिकित्सकीय रूप से स्थिर बना हुआ है और उसे कोई प्रणालीगत बीमारी या सह-रुग्णता नहीं है।”
मरीज को शनिवार को दिल्ली सरकार द्वारा संचालित अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पिछले महीने अफ्रीका के कई हिस्सों में इसकी व्यापकता और प्रसार को देखते हुए दूसरी बार एमपॉक्स को अंतर्राष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) घोषित किया था।
एलएनजेपी को नोडल सुविधा के रूप में नामित किया गया है, जबकि दो अन्य अस्पताल स्टैंडबाय पर हैं।
एलएनजेपी अस्पताल में मरीजों के लिए कुल 20 आइसोलेशन कमरे हैं, जिनमें से 10 पुष्ट मामलों के लिए हैं।
गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल और बाबा साहेब अंबेडकर अस्पताल में ऐसे मरीजों के लिए 10-10 कमरे होंगे, जबकि संदिग्ध मामलों के लिए पांच-पांच कमरे होंगे।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बुखार के मामले थोड़े बढ़े हैं लेकिन अभी चिंता की कोई बात नहीं है।
उन्होंने कहा कि अस्पताल की सुविधाओं को और बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक वार्ड में मरीजों के परिचारकों के लिए अलग प्रतीक्षा कक्ष बनाए जाएंगे।
भारद्वाज ने कहा, “अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए अलग कमरे उपलब्ध हैं। हमने इस बात की समीक्षा की है कि यदि कोई डेंगू का मरीज आपातकालीन स्थिति में आता है तो डॉक्टर उसकी पहचान कैसे करेंगे और फिर उसे किस प्रकार दूसरे वार्ड में भेजा जाएगा।” उन्होंने कहा कि वह अन्य अस्पतालों का भी इसी प्रकार का औचक निरीक्षण करेंगे।
बयान में कहा गया कि अस्पताल प्रशासन ने मंत्री को बताया कि अस्पताल में मंकीपॉक्स का केवल एक मामला आया था और उस मरीज की हालत भी स्थिर है।
(यह रिपोर्ट ऑटो-जेनरेटेड सिंडिकेट वायर फीड के हिस्से के रूप में प्रकाशित की गई है। हेडलाइन के अलावा, एबीपी लाइव द्वारा कॉपी में कोई संपादन नहीं किया गया है।)
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