मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव राज्य के औद्योगिक विकास की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं, साथ ही राज्य को भारत में एक आदर्श राज्य के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य भी रखते हैं। इसी विजन के तहत सीएम यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के अवसर पर पूरे राज्य में ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान की शुरुआत की है। 17 सितंबर से शुरू हुआ यह अभियान 2 अक्टूबर गांधी जयंती तक चलेगा। इस पहल के तहत मध्य प्रदेश एक बार फिर स्वच्छता के मिशन में जोश से जुट गया है।
मुख्यमंत्री का स्वच्छ राज्य का आह्वान
सीएम मोहन यादव ने नागरिकों से न केवल अपने आस-पास की सफाई रखने का संकल्प लेने का आग्रह किया है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि कोई भी अन्य व्यक्ति गंदगी फैलाने में योगदान न दे। उन्होंने सभी नागरिकों को अपने आस-पास की सफाई बनाए रखने और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करने के लिए प्रोत्साहित किया। यादव ने इस बात पर जोर दिया कि ‘स्वच्छता ही सेवा’ अभियान की सफलता लोगों के सामूहिक प्रयास पर निर्भर करती है, जिन्हें स्वच्छ और स्वस्थ राज्य के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए “स्वच्छता मित्र” बनना चाहिए।
शून्य अपशिष्ट आयोजनों को बढ़ावा देना
कचरा प्रबंधन के प्रयासों पर प्रकाश डालते हुए सीएम यादव ने घोषणा की कि राज्य के शहरी निकाय शून्य अपशिष्ट कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रहे हैं। सूखे और गीले कचरे को संसाधित करने के लिए राज्य भर के 401 शहरी निकायों में खाद बनाने वाली इकाइयाँ और सामग्री पुनर्प्राप्ति इकाइयाँ स्थापित की गई हैं। ये इकाइयाँ खाद खाद बना रही हैं और 324 शहरों को “सफाई मित्र सुरक्षित शहर” घोषित किया गया है। इसके अलावा, सीएम ने रीवा में ₹158.67 करोड़ की लागत से अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्र की स्थापना की जानकारी साझा की। यह संयंत्र प्रतिदिन 340 टन कचरे को संसाधित करता है, जिससे प्रतिदिन 6 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है।
इस पहल को मध्य प्रदेश को स्वच्छ एवं हरित राज्य बनाने तथा सतत शहरी विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।
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